Government Smart School: शासकीय स्कूल का नाम सुनते आंखों के सामने अव्यवस्था, लापरवाही और परेशानी की तस्वीर उभर आती है, लेकिन बेमेतरा जिले में एक सरकार स्कूल ऐसा भी है, जो शासकीय होने के बाद भी किसी प्राइवेट स्कूल को टक्कर देता. यह बदलाव यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की सोच से आई है. शिक्षकों की सोच का नतीजा है कि एक सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है.
ये भी पढ़ें-Barwani News: शिक्षक ने सेवानिवृत्ति निधि से सोशल कार्य के लिए दान किए 1.05 लाख रुपये, छात्रों को बांटी रामायण
स्कूल में है हाईटेक लाइब्रेरी, कंप्यूटर से स्टूडेंट्स करते हैं पढ़ाई
रिपोर्ट के मुताबिक शासकीय स्कूल महात्मा गांधी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 9वीं से 12वीं तक के कुल 575 बच्चे पढ़ते हैं. यहां बच्चों के लिए सर्व सुविधायुक्त एक लाइब्रेरी है, जिसमें स्टूडेंट्स के विषय से संबंधित पुस्तकों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी पुस्तकें उपलब्ध हैं. यही नहीं, बच्चे लाइब्रेरी रूम में कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं.
बच्चों को मिलती है IT और एग्रीकल्चर विषय में प्रोफेशनल शिक्षा
व्यावसायिक शिक्षा से बच्चों को जोड़ने के लिए स्कूल में आईटी व एग्रीकल्चर विषय की पढ़ाई कराई जा रही है. आज के दौर में जहां पर कंप्यूटर शिक्षा का विशेष महत्व है, इसके लिए स्कूल में अलग से आईटी रूम की स्थापना की गई है, ताकि कंप्यूटर के माध्यम से बच्चे नई तकनीक और नई चीजों को सीख सके और आगे बढ़ सके.
ये भी पढ़ें-100 New Bridge: छत्तीसगढ़ में बनेंगे 100 नए पुल, 375 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से दुर्गम इलाके बनेंगे सुगम
ये भी पढ़ें-'मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक न समझा जाए' कांग्रेस पार्षद रुबीना खान ने पार्टी को दिखाया आईना
सीसीटीवी से लैस किए गए हैं शासकीय स्कूल के सभी क्लासरूम
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शासकीय स्कूल के सभी कमरों को सीसीटीवी से लैस किया गया है, शैक्षणिक कार्यों का सही ढंग से संचालन हो सके और एक जगह से बैठकर उसका मॉनिटरिंग हो सके, इसके लिए सभी क्लासरूम में सीसीटीवी लगाया गया है ताकि बच्चों और शिक्षकों के शिक्षण कार्यो की मॉनिटरिंग करते हुए उन्हें दिशा-निर्देश भी दिया जा सके,
छात्रों के लिए स्कूल में बनाया गया है LED टीवी वाला क्लास रूम
शासकीय स्कूल में बच्चों के लिए एलईडी टीवी वाला एक क्लास रूम भी बनाया गया है ताकि ऑनलाइन की पढ़ाई भी बच्चों को कराई जा सके, जिसमें देश और विदेश के टीचर्स उसे पर जुड़ते हैं. इससे बच्चों को नई शिक्षा नीति व नई तकनीक की जानकारी मिलती है. छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए विषय चुनने की जानकारी भी दी जाती है.
ये भी पढ़ें-देर रात भूल जाएं ढाबे का खाना, राजधानी रायपुर में आधी रात खुला मिला ढाबा और बार तो खैर नहीं!
संसाधनों के अभाव के बीच स्कूल को बेहतर बनाने के प्रयास में शिक्षक
गौरतलब है पालक समिति की ओर से हर महीने शासकीय स्कूल मॉनिटरिंग की जाती है. यहां अध्यापन कर रहे शिक्षक कम संसाधनों के बावजूद शासकीय स्कूल को प्राइवेट स्कूल की तरह बनाने का प्रयास करते रहे हैं, जिससे एक सरकारी स्कूल की सूरत बदलने में मदद मिली है. इसका ही नतीजा है कि यहां के बच्चे अच्छे कॉलेज में जाकर एडमिशन ले रहे हैं.
ये भी पढ़ें-UPI Payment Fraud: युवती ने ऑनलाइन फूड किया ऑर्डर, UPI पेमेंट के दौरान खाते से उड़ गए 97,525 रुपए