Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में स्थित लुत्ती बांध के टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की है. उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
ये है मामला
दरअसल दो दिन पहले बलरामपुर में एक बड़ा हादसा हो गया था. यहां बांध के टूटने पर एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी. तीन लोग लापता हो गए. इस घटना में कई जानवर बह गए और फसलें भी तबाह हो गई.
इस घटना के बाद सीएम साय ने अफसरों पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है.
उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए.
सीएम साय ने दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री साय ने बीते गुरुवार को मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली. उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए. साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए.
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने और निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके.
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएं, 357 लघु परियोजनाएं और 300 एनीकेट, इस प्रकार कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं. इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं. इस तरह कुल 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय होगी.
ये भी पढ़ें निजी अस्पताल में बेटे को लड़की से बदलने का आरोप, पैदा हुए थे जुड़वा बच्चे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा CG का मामला