Chanan River के सूखने से खेती पर बड़ा असर, मक्का और गेहूं किसानों को अब इस बात का सता रहा डर

Chanan River Starts Drying Up : नदी में कम पानी होने की वजह से किसान चिंतित हैं. दरअसल,  चनान नदी बलरामपुर समेत अन्य जिलों के किसानों के लिए जल का प्रमुख स्त्रोत है.लेकिन इस बार नदी के सूखने से बड़ी समस्याएं किसानों के सामने खड़ी हो गई है.

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CG News In Hindi :  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में गर्मी के शुरुआती महीने में ही नदियों का सूख जाना और जलस्तर में कमी आना किसानों के लिए बड़ी परेशानी वाली बात है. लाखों किसान परंपरागत धान की खेती के बाद अधिक मुनाफे की चाह पर बड़े पैमाने पर मक्का और गेहूं की फसल लगाते हैं. लेकिन इस बार गेहूं और मक्का की खेती करने वाले किसानों के सामने पानी के घटते जल स्रोत ने चिंता में डाल दिया. किसान अब अपने अधिक पैसे खर्च कर नदियों पर जेसीबी से गड्ढा खोदकर नदी के पानी सिंचाई कर रहे हैं. लेकिन घटते नदी के जल स्रोत से उन्हें अब लाखों के फसल बर्बाद होने का डर भी सता रहा है. 

कोई दूसरा विकल्प नहीं है किसानों के पास 

जिला मुख्यालय के रामनगर कला पंचायत और आसपास के करीब 40 से अधिक गांव के लाखों किसान खेती किसानी को लेकर ज्यादातर चनान नदी पर निर्भर हैं. इन किसानों के लिए सिंचाई के लिए और कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. इसी वजह से किसान इसी नदी के पानी से अपना फसल सींचते हैं.

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किसान नदी में जेसीबी से गड्ढे खोदना शुरू कर दिए

लेकिन अब नदी के सूखने और जल अस्तर कम होने से हालत बिगड़ गए हैं. नदी में जेसीबी से गड्ढे खोदना शुरू कर दिए हैं हालांकि केवल कुछ ही दिनों के लिए राहत देता है क्योंकि पानी जल्दी खत्म हो जाता है किसानों को हफ्ते भर में दोबारा दूसरा गड्ढा खोदने के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है। 

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धीरे-धीरे नदी का जलस्तर नीचे जा रहा 

नदी का जलस्तर कम होने से किसान चिंतित हैं उन्हें अब डर सता रहा है कि धीरे-धीरे नदी का जलस्तर नीचे जा रहा है जेसीबी से गड्ढा खोदने के बाद सप्ताह भर भी समय नहीं हो रहा है कि पानी नीचे चला जा रहा है ऐसे में कहीं ना कहीं अगर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिला तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है हालांकि किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि अगर चना नदी पर जगह-जगह में एनीकट बांध बना दिया जाता तो पानी हमेशा रहता जिससे किसानों को खेती करने में काफी सहूलियत मिलेगी और फसल बर्बाद नहीं होगा किसान कर्ज नहीं दबता फसल भी अच्छी होती और किसानों को इसका मुनाफा मिलता.

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करीब 40 गांव के हजारों किसान प्रभावित

रामनगर कला पंचायत समेत चनान नदी के करीब बसे करीब 40 गांव के हजारों किसान की सिंचाई के लिए पानी की समस्या पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नदी के पुनर्जीवन और किसने की सिंचाई सुविधा के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया. मंत्रालय भेजा गया. हालांकि, अभी तक इस पर विभाग को स्वीकृति नहीं मिली है. लेकिन उम्मीद है जल्द ही कोई ना कोई ठोस कदम उठाया जाएगा जो किसने का समस्या का निराकरण हो सके बहरहाल अधिकारी जल्द पहल करने की तो बात कह रहे हैं लेकिन देखना यह होगा कि कब तक किसानों की समस्या पर ध्यान दिया जाता है, या फिर स्थिति जैसे की तैसी रहती है.

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