Scam: बैंक में नौकरी करते हुए इस बाबू ने निकाल लिए करोड़ों रुपये, अब कोर्ट ने सुनाई ये सजा

Scam In Central Cooperative Bank Balodabazar: जिला केंद्रीय सहकारी बैंक बलौदाबाजार शाखा में 22 लाख 55 हजार 149 रुपए का घोटाला करने वाले लिपिक को कोर्ट ने तीन साल का कठोर कारावास और राशि क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू लता सिन्हा की कोर्ट में हुई है.  

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जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के लिपिक ने किया करोड़ों रुपये घोटाला, आरोपी को मिली 3 साल की कठोर सजा.

Chhattisgarh News: बलौदाबाजार (Balodabazar) के बहुचर्चित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक बलौदाबाजार (Central Cooperative Bank Balodabazar) शाखा में हुए करोड़ों रुपये के गबन के मामले पर अब कोर्ट का फैसला आ गया है. इंदिरा कॉलोनी निवासी आरोपी सूरज साहू (45) ने सहकारी बैंक के लिपिक के पद पर सेवा के दौरान बैंक में जमा राशि में घोटाला किया था. गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद बैंक जांच समिति बनाकर जांच कराई थी. इसमें गड़बड़ी मिलने के बाद कोतवाली थाना में आईपीसी की धारा 409 के तहत अपराध दर्ज किया गया.

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई है. सहायक लोक अभियोजक अमित वाजपेयी ने बताया कि गड़बड़ी के खुलासा के बाद विवेचना की गई. कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है.

इस मामले में चल रही जांच

वहीं, आरोपी सूरज साहू के खिलाफ एक और अपराध पलारी थाने में अलग से दर्ज हैं. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक वटगन के लेखापाल के पद में पदस्थ रहते सूरज साहू ने 2 करोड़ रुपये से अधिक राशि का गबन करने के मामले में पलारी थाना ने मामला दर्ज किया है. वहीं, सूरज साहू के खिलाफ बलौदाबाजार मामले में तीन साल की सजा हुई और वटगन में 2 करोड़ रुपये  से अधिक गमन मामले में अभी विवेचना चल रही है. अभी न्यायालय में मामला लंबित हैं.

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ऐसे हुआ था गबन का खुलासा

सूरज साहू द्वारा किए गए गबन का राज भी बड़े दिलचस्प तरीके से खुला था. आरोपी लेखपाल ने जब अपने ही बैंक की उपभोक्ता मृत बैसाखिन बाई गेंडरे के खाता क्रमांक 624046114649 से 13 मई 2022 को एक लाख और एक माह बाद 14 जून 2022 को 4900 रुपये निकाल लिया था. जिसका मैसेज जब घर के मोबाइल पर गया तो परिजन इसकी जानकारी लेने बैंक पहुंचे. जहां पर शाखा प्रबंधक को फोन में आए बैंक के मैसेज को दिखाते हुए बताया कि उसकी मां की मौत हो चुकी है और उनके खाते से दो बार पैसा निकाल लिया गया.

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आरोपी ने अधिकारियों को किया गुमराह

मैसेज को देखकर शाखा प्रबंधक भी अचंभित रह गए और इसकी जांच की तो उनके ही बैंक के लेखपाल सूरज साहू द्वारा राशि निकालने की पुष्टि हो गई. इसके बाद राशि तत्काल उपभोक्ता के खाते में जमा करने का निर्देश दिया.  जिस पर सूरज ने अधिकारी को गुमराह करते हुए वापस बैंक के अन्य खाते से उपभोक्ता के खाते में पैसा डाल दिया.

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लगभग 3 करोड़ 45 लाख रुपए का चूना लगा चुका था

जब इस बात की जानकारी प्रबंधक को हुई तो उन्होंने बैंक के अन्य खाते की प्रारंभिक जांच कराई. जिसमें बड़ी गड़बड़ी सामने आई. तब इसकी सूचना उन्होंने मुख्यालय को देकर जांच कराई. जिसमें आरोपी लेखपाल ने चार वर्ष में बैंक को लगभग 3 करोड़ 45 लाख रुपए का चूना लगा चुका था. जिसमें 3 करोड़ 23 लाख वटगन बैंक तो 22 लाख 55 हजार 149 रुपए बलौदाबाजार शाखा से गबन किया है.

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