Exclusive: जैतखाम घटना पर आयोग की फिर बढ़ी चिंता, इस काम के लिए बढ़ानी पड़ गई तारीख

Balodabazar News:छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के जैतखाम की घटना पर एक भी शपथ पत्र नहीं आया है. ऐसे में इसके लिए अब तारीख बढ़ा दी गई है.

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में स्थित सतनाम पंथ के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक गिरौदपुरी धाम से लगे महकोनी गांव के अमरगुफा में जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना की जांच एकल न्यायिक जांच आयोग से हो रही है. इस मामले में 15 अगस्त तक शपथ पत्र जमा करने की तारीख तय की गई थी, लेकिन अब तक एक भी शपथ पत्र जमा नहीं हुआ. इधर घटना से जुड़ी जानकारी के संबंध में आमजन से शपथ पत्र जमा करने के लिए न्यायिक जांच आयोग ने तारीख बढ़ा दी है.

जून में हुई थी घोषणा 

बता दें कि 15-16 मई की रात अमर गुफा में हुई इस घटना के बाद पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार की थी. इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए सतनाम पंथ के लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की थी. इस पर राज्य सरकार ने 6 बिंदुओं पर न्यायिक जांच की घोषणा जून में की थी.

आयोग के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश सीबी बाजपेयी बनाए गए हैं. आयोग की जुलाई से अब तक तीन बैठकें हुई हैं. इसमें शपथ पत्र देने की तारीख बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है. 

ये थी घटना 

दरअसल रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में स्थित महकोनी गांव और अमरगुफा में हुई इस घटना के बाद से सतनाम पंथ में भारी आक्रोश देखने को मिला था. साथ ही जब पुलिस ने कार्रवाई कर बिहार के रहने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया और बताया कि पानी टंकी का काम करने वाले बिहार के मजदूरों ने मजदूरी भुगतान नहीं होने पर इस घटना को अंजाम दिया है, तो समाज के लोगों में गुस्सा और भड़क गया.

समाज के लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई को सिर्फ खानापूर्ति बताते हुए पुलिस पर असली मुजरिमों को बचाने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी.  इस मांग को लेकर समाज के लोग गिरौदपुरी धाम के पास कई दिनों तक धरना प्रदर्शन करते रहे.

समाज के गुस्सा, असंतोष और धरना प्रदर्शन को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार में उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने हाईकोर्ट से सेवानिवृत न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किए जाने की घोषणा की थी. इसके दो दिन बाद ही बलौदा बाजार में सतनाम समाज की तरफ से पूर्व से घोषित धरना प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम का आयोजन 10 जून को बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में किया गया.

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जिसके बाद हुई हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह से उन्मादी भीड़ ने उत्पात मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ की और पुलिस से नाराज होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा दिया. 

वहीं महकोनी में हुई जैतखाम काटे जाने की घटना की जांच न्यायिक जांच आयोग ने शुरू कर दिया है. आयोग की पहली बैठक 18 जुलाई को हुई जिसमें आयोग के कार्यालय, कार्यालयीन व्यवस्था, आवश्यक पुस्तकें और बजट आदि के संबंध में चर्चा हुई। दूसरी बैठक 22 जुलाई को हुई जिसमें अधिसूचना का प्रकाशन और अन्य बिंदुओं पर चर्चा कर अधिसूचना प्रकाशन के लिए भेजा गया. इधर 16 अगस्त को आयोग की तीसरी बैठक हुई, जिसमें तारीख बढ़ाने के साथ ही राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करने के लिए भेजा गया है. 

31 जुलाई को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन होने के साथ ही समाचार पत्र में भी अधिसूचना प्रकाशित की गई. अधिसूचना के साथ ही लोगों से शपथ पत्र में अमरगुफा की घटना से संबंधित अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया. इसके लिए 15 अगस्त तक की तारीख निर्धारित की गई थी.

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शपथ पत्र देने की अब नई तारीख 

शपथ पत्र जमा करने की तारीख 16 अगस्त को हुई आयोग की बैठक में बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है. बता दें कि न्यायिक जांच आयोग में अब तक एक भी शपथ पत्र नहीं आया है. यह देखते हुए 15 सितंबर तक की तारीख बढ़ा दी गई. इसके साथ ही तारीख बढ़ाए जाने के संबंध में अधिसूचना राज्यपत्र में प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है. 

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सरकार के पक्ष रखे जाएंगे

न्यायिक जांच आयोग की अगली सुनवाई तक आने वाले शपथ पत्र के अलावा सरकार के पक्ष रखे जाएंगे। जिसमें पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई की जानकारी के अलावा जैतखाम काटे जाने की घटना और उसके बाद से हुए घटनाक्रम को रखा जाएगा.

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