Latest News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद सिहावा के घने जंगलों में जब सुरक्षाबलों की बूटों की धमक सुनाई दी, तो नक्सली बिना लड़े ही भाग खड़े हुए. गरियाबंद और धमतरी पुलिस (Dhamtari Police) की संयुक्त दबिश से माओवादियों में ऐसा खलबली मचा कि वे अपनी वर्दी, नक्सली साहित्य और अन्य सामग्री वहीं छोड़कर जंगल की अंधेरी परछाइयों में गुम हो गए. 4 मार्च को खुफिया सूत्रों से खबर मिली कि नगरी-सिहावा इलाके में नक्सलियों की हलचल तेज है. इसके बाद गरियाबंद पुलिस, एसटीएफ, सीआरपीएफ कोबरा 207 और धमतरी डीआरजी की संयुक्त टीम ऑपरेशन पर निकली. 5 मार्च की सुबह जैसे ही जवान ठोठाझरिया (सिहावा) के मंदागिरी पहाड़ियों के करीब पहुंचे, तो कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखीं. लेकिन, जैसे ही सुरक्षा बलों ने घेराबंदी करने की कोशिश की, नक्सली हवा की तरह जंगल में गायब हो गए.
नक्सलियों के मिले अहम सुराग
मिले अहम नक्सल सुराग
हालांकि, सुरक्षाबलों को वहां से नक्सली वर्दी, प्रतिबंधित साहित्य और अन्य सामान बरामद हुआ. यह सामान नक्सलियों की रणनीतियों और नेटवर्क को समझने में मददगार साबित हो सकता है. पुलिस ने नक्सलियों को दो टूक संदेश दिया है –"हथियार छोड़ो, समाज से जुड़ो और नई जिंदगी शुरू करो." सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत नक्सलियों को सुरक्षा, पुनर्वास, स्वरोजगार प्रशिक्षण, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा, आवास और सरकारी नौकरी का लाभ दिया जाएगा. इच्छुक लोग नजदीकी थाना, पुलिस चौकी या 94792-27805 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
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कमजोर हुआ नक्सल नेटवर्क
सुरक्षाबलों की बढ़ती दबिश से माओवादी कमजोर पड़ रहे हैं. गरियाबंद और धमतरी की पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अपनी पकड़ मजबूत कर दी है. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है और समाज की मुख्य धारा के साथ मिलकर समाज सुधार का काम कर रहे हैं.
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