Anti Naxal Operation in Chhattisgarh: बस्तर (Bastar) में तैनात सुरक्षाबलों व स्थानीय पुलिस (Police) के जवानों को नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ जिस तरीके से एक के बाद एक कामयाबी मिल रही है उसकी स्क्रिप्ट और प्लानिंग काफी तगड़ी है. एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) से नक्सलियों को संभलने का मौका तक नहीं मिल रहा है, वे कुछ सोचते-समझते है कि इससे पहले ही उनकी मुठभेड़ (Naxal Encounter) के लिए हमारे जंबाज तैयार हो जाते हैं. नक्सलियों और मओवादियों टॉप के लीडर्स का सफाया होता जा रहा है, साथ ही उनके मैदानी लड़ाकों का भी काम तमाम हो रहा है. इस एक्शन मूवी की स्क्रिप्ट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की रायपुर में हुई बैठक में ही लिखी जा चुकी थी, जब उन्होंने छत्तीसगढ़ समेत नक्सल प्रभावित सात राज्यों के डीजीपी (DGP) व मुख्य सचिवों की मैराथन मीटिंग ली थी. तब इंटर स्टेट और इंटर डिस्टिक्ट मिशन की योजना बनाई गई थी. उसी दिशा में चलकर अब नक्सलियों का सिलसिलेवार सफाया हो रहा है.
इस बार तोड़ दिया पुराना रिकॉर्ड : CM साय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने दंतेवाड़ा मुठभेड़ (Dantewada Encounter) पर कहा, "हमारी सेना को बड़ी सफलता मिली है. 31 नक्सली मारे गए हैं और इस बार हमारे जवानों ने अपना 29 का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसलिए हम अपने जवानों को बधाई देते हैं, उनके साहस को सलाम करते हैं और निश्चित रूप से एक दिन यहां से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा और छत्तीसगढ़ में शांति स्थापित होगी."
इस बार क्या हुआ?
नारायणपुर व दंतेवाड़ा की सीमा पर 4 व 5 अक्टूबर को 31 से ज्यादा नक्सलियों को जिस मुठभेड़ में मार गिराया गया है, यह भी अंतर जिला रणनीति का ही नतीजा रहा. एक ओर से जहां दंतेवाड़ा और नारायणपुर डीआरजी के जवानों को भेजा गया था तो वहीं एक ओर से एसटीएफ के जवानों ने घेराबंदी की. यह तो बात हुई अंतरजिला की. कुछ इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व ओडिशा के पुलिस अफसरों के बीच समन्वय व खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान भी नक्सलियों की घेराबंदी व उन्हें मार गिराने के मिशन में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.
2026 का लक्ष्य दूर नहीं
एक के बाद एक एनकाउंटर और इसके लिए तैयार की जा रही रणनीति में एक तरह की जल्दबाजी भी दिख रही है. यह कहीं न कहीं केंद्रीय गृहमंत्री के उस कथन का ही असर है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा कर दिया जाएगा. यही वजह है कि नक्सल प्रभावित राज्यों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें विशेष टास्क फोर्स का गठन और सुरक्षा बलों की ताकत बढ़ाने के उपाय शामिल हैं.
डबल इंजन की सरकार बढ़िया काम : रमन सिंह
इस संबंध में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डाॅ रमन सिंह ने कहा कि ये बहुत बड़ी सफलता है. इसके लिए मैं मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पूरी टीम को इस शानदार ऑपरेशन के लिए बधाई देता हूं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सोच और विजन ने, डबल इंजन की सरकार ने बहुत बढ़िया काम किया है. वे बधाई के पात्र हैं. पहली बार इतने बड़े ऑपरेशन के लिए सभी को बधाई.
1-2 साल में नक्सलवाद मुक्त होगा बस्तर : IG पी सुंदरराज
नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे मिशन को लेकर बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि हमें माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी, जिसके बाद दंतेवाड़ा DRG, नारायणपुर STF बल को अभियान के लिए रवाना किया गया था. कल मुठभेड़ हुई थी जिसके बाद अब तक कुल 31 माओवादियों के शव बरामद हुए हैं. इनसे SLR, AK 47 जैसे कई ग्रेडेड हथियार भी मिले. तलाशी अब भी जारी है. आने वाले 1-2 साल में हम क्षेत्र में नक्सलवाद को खत्म करने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. मुठभेड़ में हमारे एक जवान को चोट आई है, वे खतरे से बाहर हैं, उनकी हालत स्थिर है.
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