CM Vishnu Deo Sai on Anti Naxal Operation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार (Chhattisgarh Government) पिछले छह महीनों से नक्सलवाद से पूरी ताकत से लड़ रही है और उम्मीद जतायी कि वाम उग्रवाद का मुद्दा तीन साल के भीतर सुलझ जाएगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साय ने कहा कि पांच नक्सल प्रभावित जिलों में 35 सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं और 29 और स्थापित किए जाएंगे. वहीं छत्तीसगढ़ के उप मख्यमंत्री (Deputy Chief Minister of Chhattisgarh) विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत के पक्ष में है.
सीएम ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री साय ने कहा, 'छह महीने पहले, हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने तीन साल में नक्सलवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता जतायी थी. मुझे विश्वास है कि हम ऐसा कर पाएंगे.' उन्होंने कहा, 'हम पिछले छह महीनों से पूरी ताकत से नक्सलवाद से लड़ रहे हैं. आप सभी ने इसे देखा है. यह ‘डबल इंजन' सरकार के प्रयासों का नतीजा है.'
डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
छत्तीसगढ़ के उप मख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत के पक्ष में है. शर्मा ने कहा, 'राज्य सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत के पक्ष में है और उन्हें मुख्यधारा में लाने का लक्ष्य रखती है. मुझे विश्वास है कि नक्सलवाद की समस्या तीन साल में हल हो जाएगी. आप तीन साल के समय में इंद्रावती के तट पर शांति से बैठ सकेंगे. यह गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मजबूत नेतृत्व के कारण संभव हुआ है.' शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद को केवल बंदूक के बल पर समाप्त नहीं किया जा सकता.
Bijapur IED Blast मामले पर भी हुई चर्चा
बुधवार रात छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा एक आईईडी विस्फोट किए जाने के बाद विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के दो जवान शहीद हो गए थे और चार अन्य घायल हो गए थे. इस बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम कई पहलुओं पर काम कर रहे हैं और एक व्यापक दृष्टिकोण अपना रहे हैं. हम नक्सलियों के साथ बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार हैं. बातचीत होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी तरह से हो. हम फोन पर या वीडियो कॉल के जरिये भी बात कर सकते हैं. मैंने एक गूगल फॉर्म भी जारी किया है, जिसमें लोगों से उनके सुझाव भेजने के लिए कहा गया है.'
उन्होंने कहा, 'यदि आप राज्य और उसके लोगों का विकास चाहते हैं, और यदि आप चाहते हैं कि राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का उनके द्वारा विशिष्ट उपयोग हो, तो सरकार भी यही चाहती है... हम खुद कहते हैं कि जल जंगल जमीन छत्तीसगढ़ के लोगों की है.'
बंदूक से कोई हल नहीं निकलेगा : डिप्टी सीएम
उन्होंने कहा, ‘‘आप जंगल में बंदूकें लेकर घूम रहे हैं. इससे क्या फायदा? आप किससे लड़ रहे हैं? कोई राजा या जमीदार नहीं है. सरकारें कल्याण-केंद्रित हैं। अगर वे काम नहीं करते हैं तो लोग उन्हें जड़ से उखाड़ देते हैं. छत्तीसगढ़ में कई ऐसे इलाके हैं जहां खनन शुरू नहीं हुआ क्योंकि लोग ऐसा नहीं चाहते थे. कई कारखाने इसलिए नहीं लगाए गए क्योंकि लोग उनके खिलाफ थे. मुझे चीन का एक ऐसा उदाहरण बताइए, जहां साम्यवादी शासन है.'
वहीं सीएम साय ने कहा कि उनकी सरकार 'उन इलाकों में विकास लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, जहां सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं. हम सड़कें, पक्के घर बना रहे हैं, बिजली और पानी मुहैया करा रहे हैं और स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक संसाधन संपन्न राज्य है और उनकी 'सही नीयत वाली' सरकार इसे प्रगति के पथ पर आगे ले जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर नक्सलवाद की समस्या हल हो जाती है तो बस्तर क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में बहुत कुछ हासिल कर लेगा.
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