Muria Darbar: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में शामिल होने पहुंच रहे हैं. अमित शाह के दौरे से पहले बस्तर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बस्तर राजमहल के पास सिराहासरा में मोरिया दरबार लगाया जाएगा. बस्तर दशहरे की परंपरा के तहत मोरिया दरबार के द्वार को नारियल के पत्तों से विशेष तौर पर सजाया गया है.
दरबार में एक मंच बना है, जिसमें जमीन पर ही गद्दा बिछाकर राज परिवार के सदस्य, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय वह सरकार के अन्य जिम्मेदार बैठेंगे. दरबार में मांझी व अन्य प्रतिनिधियों के लिए कुर्सियां लगा दी गई हैं.
1876 में शुरू हुई थी मुरिया दरबार परंपरा
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में 8 मार्च 1876 को पहली बार मोरिया दरबार परंपरा की शुरुआत की गई. इसके बाद 145 सालों से ज्यादा समय से या परंपरा लगातार चल रही है. इस परंपरा के तहत बस्तर दशहरा के मांझी व क्षेत्र के अन्य प्रतिनिधि अपनी समस्याएं शिकायतें और सुझाव देते हैं. जिसके आधार पर मुखिया आगे निर्णय लेते हैं.
क्या होता है मुरिया दरबार?
छत्तीसगढ़ के बस्तर में जब राजशाही का दौर था, उस समय बस्तर दशहरा के बाद राजा आम लोगों की समस्या सुनने के लिए दरबार लगाते थे, जिसे मुरिया दरबार कहा जाता है. इस मुरिया दरबार में जनता की समस्या सुनी जाती है और तुरंत इसका निराकरण होता है. दरअसल, पहले राजा समस्या सुनकर निराकरण करते थे, लेकिन अब लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री या फिर कोई मंत्री, नेता सुन सकते हैं और उनकी समस्या का निवारण कर सकते हैं.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दोपहर करीब 12:00 अमित शाह रायपुर से बस्तर पहुंचेंगे. शाह एयरपोर्ट से मां दंतेश्वरी का दर्शन करने के लिए राजमहल स्थित मंदिर जाएंगे. यहां से वो मोरिया दरबार में शामिल होंगे.