Chattisgarh News : 25 साल बाद इस गांव में लौटी बिजली, 342 परिवारों में खुशी की लहर

अब तक इन गांवों में रहने वाले लोग सौर ऊर्जा पर निर्भर रहते थे. वहीं कई घरों में किसी भी प्रकार से बिजली की पहुंच नहीं थी. सभी सात गांवों में विद्युतीकरण के होने से लगभग 342 परिवार लाभान्वित हुए हैं.

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बताया जा रहा है कि इन गांवों के कुछ घरों में ढाई दशक पहले बिजली थी, जो कि नक्सलियों के प्रभाव के चलते बंद हो गई थी.
सुकमा:

Chattisgarh News : छत्तीसगढ़ के दक्षिण छोर में स्थित सुकमा जिला नक्सलियों के चपेट में रहा है, लेकिन अब यह जिला शासन-प्रशासन के निरंतर प्रयासों से विकास कर रहा है. जिले के अंतिम व्यक्ति तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के साथ ही राशन सामाग्री, बिजली, पानी जैसे बुनियादी सुविधाओं का विकास के लिए काम किए जा रहे हैं. इसी क्रम में जिले के अति संवेदनशील गांव डब्बाकोंटा, पिड़मेल, एकलगुडा, दुरामांगु, तुमबांगु, सिंगनपाड एवं डोकपाड समेत सभी 7 गांवों में ढाई दशक बाद फिर से बिजली की बड़ी सौगात मिली है. यह जिला ऐतिहासिक रूप से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) की चपेट में रहा है, इसलिए विद्युतीकरण की ये उपलब्धि बड़ी मानी जा रही है.

342 परिवारों को मिलेगा लाभ

अब तक इन गांवों में रहने वाले लोग सौर ऊर्जा पर निर्भर रहते थे. वहीं कई घरों में किसी भी प्रकार से बिजली की पहुंच नहीं थी. सभी सात गांवों में विद्युतीकरण के होने से लगभग 342 परिवार लाभान्वित हुए हैं. कलेक्टर हरीश एस ने कहा कि प्रदेश सरकार का निर्देश है कि सबसे गरीब और पिछड़े लोगों के लिए काम करें. हम उनकी मंशा के अनुरूप ही प्राथमिकता तय कर रहे हैं. अति संवेदनशील इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विकास शासन की प्राथमिकता है. इस इलाके के अन्य गांवों में भी जल्द बिजली पहुंचाई जाएगी.

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संवेदनशील इलाके में हैं ये गांव

बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता जोसेफ केरकेट्टा बताते हैं कि जिले के इन गांवों में बिजली लाइन बिछाना बहुत ही मुश्किल काम था. जिला मुख्यालय से दूरी होने के कारण विद्युत सामाग्रियों को यहां तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण कार्य था. ये सभी गांव अति संवेदनशील इलाके के में जंगलों के बीच बसे हैं. साथ ही इन गांवों में मजदूर का पहुंचना भी मुश्किल था. जिला प्रशासन के निरंतर प्रयासों से यह संभव हो पाया है कि आज यहां के ग्रामीण अंधेरे से मुक्ति का उत्सव मना रहे हैं. 

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ग्रामीणों में खुशी की लहर

आजादी के बाद पहली बार इन सभी गांवो में पूरी तरह से बिजली की सुविधा पहुंचने से सभी ग्रामीणों में खुशी की लहर है. ग्रामीणों ने हंसते हुए बताया कि हमनें सोचा नहीं था कि कभी हमारे घरों में भी बिजली आएगी. पहले हम सौर ऊर्जा पर निर्भर रहते थे, जिससे घरों में पर्याप्त रोशनी नहीं हो पाती थी. अब पहली बार जैसे ही बिजली हमारें घरों में पहुंची तो ऐसा लगा कि जिंदगी की उम्मीद पूरी हो गई है.

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