Adani Vidya Mandir NABET accreditation: ग्रामीण छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का पल है. शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए अदाणी विद्या मंदिर, सरगुजा ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के अंतर्गत नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (NABET) से मान्यता हासिल कर यह विद्यालय न सिर्फ सरगुजा, बल्कि पूरे ग्रामीण छत्तीसगढ़ के लिए मिसाल बन गया है. यह सफलता बताती है कि संसाधनों की कमी के बावजूद अगर सोच और प्रयास मजबूत हों, तो गांवों में भी उत्कृष्ट शिक्षा संभव है.
एनएबीईटी से मिली राष्ट्रीय मान्यता
अदाणी विद्या मंदिर, सरगुजा को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए एनएबीईटी की प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त हुई है. इस मान्यता के साथ यह स्कूल ग्रामीण छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा विद्यालय बन गया है, जिसने गुणवत्ता आधारित सख्त राष्ट्रीय मूल्यांकन को सफलतापूर्वक पूरा किया है. यह प्रमाणपत्र इस बात का संकेत है कि स्कूल की पढ़ाई, शिक्षण व्यवस्था और प्रशासन राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरते हैं.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पुष्टि
एनएबीईटी की मान्यता यह साबित करती है कि विद्यालय की शैक्षणिक प्रक्रिया, पढ़ाने के तरीके और प्रबंधन व्यवस्था उच्च गुणवत्ता के अनुरूप हैं. यह उपलब्धि अदाणी फाउंडेशन की उस सोच को भी दर्शाती है, जिसके तहत ग्रामीण और वंचित इलाकों में बच्चों को बेहतर और समान अवसर वाली शिक्षा दी जा रही है.
दूरस्थ जनजातीय क्षेत्र में शिक्षा की रोशनी
अदाणी विद्या मंदिर, सरगुजा जिले के दूरस्थ जनजातीय गांव सलही में स्थित है. यह सीबीएसई से संबद्ध विद्यालय मुख्य रूप से उन जनजातीय परिवारों के बच्चों को शिक्षा देता है, जिनकी जमीन राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की कोयला खनन परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी. यहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे पहली पीढ़ी के विद्यार्थी हैं, जिनके घरों में पढ़ाई का माहौल नहीं होता.
बिना शुल्क शिक्षा और पूरी सुविधाएं
यह विद्यालय सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देता है. यहां छात्रों को मुफ्त शिक्षा के साथ किताबें, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, पौष्टिक नाश्ता और दोपहर का भोजन भी दिया जाता है. इसका उद्देश्य यह है कि आर्थिक तंगी किसी भी बच्चे की पढ़ाई में बाधा न बने.
कड़े मूल्यांकन से गुजरा स्कूल
एनएबीईटी मान्यता प्राप्त करने के लिए विद्यालय ने कई स्तरों पर आंतरिक जांच और मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी की. 5 और 6 फरवरी 2025 को एनएबीईटी की टीम ने स्कूल का ऑन-साइट अंतिम मूल्यांकन किया, जिसे विद्यालय ने सफलतापूर्वक पूरा किया.
मान्यता के बाद और मजबूत होगी व्यवस्था
एनएबीईटी की मान्यता के बाद विद्यालय में छात्रों को महानगरों के स्कूलों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसमें आधुनिक लाइब्रेरी, ई-लर्निंग आधारित कंप्यूटर शिक्षा, पूरी तरह सुसज्जित प्रयोगशालाएं और खेल सुविधाएं शामिल हैं. जंगल के 30 किलोमीटर के दायरे से छात्रों को स्कूल बसों के जरिए लाया जाता है.
संस्कृति के साथ मुख्यधारा से जुड़ाव
विद्यालय का प्रयास है कि जनजातीय बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाए, लेकिन उनकी संस्कृति और परंपराओं से कोई समझौता न हो. यहां पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक और सांस्कृतिक विकास पर भी बराबर ध्यान दिया जाता है.
शिक्षकों और छात्रों दोनों को मिलेगा लाभ
इस मान्यता से शिक्षकों को भी नियमित प्रशिक्षण और विकास के नए अवसर मिलेंगे, जिससे कक्षा का अनुभव और बेहतर होगा. वहीं छात्र राष्ट्रीय मानकों के अनुसार शिक्षा पाकर उच्च शिक्षा और करियर के लिए अधिक तैयार हो सकेंगे.
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ग्रामीण छत्तीसगढ़ के लिए मिसाल
घने जंगलों और शांत ग्रामीण क्षेत्र में स्थित अदाणी विद्या मंदिर, सरगुजा ने यह साबित कर दिया है कि गुणवत्ता का कोई भौगोलिक दायरा नहीं होता. एनएबीईटी मान्यता के साथ यह विद्यालय पूरे छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित कर रहा है. यह सफलता स्कूल के शिक्षकों, छात्रों और पूरे शैक्षणिक समुदाय के समर्पण और निरंतर प्रयासों का परिणाम है.