CG Crime: IPL सट्टा गैंग पर पुलिस ने कसा शिकंजा, 6 आरोपी दबोचे गए

Chhattisgarh Police: गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी सटोरियों के लिए सिम की सप्लायर करते थे. साथ ही किराए पर बैंक खाते भी देते थे. स्काईएक्सचेंज राजा-रानी ऐप के जरिए ऑनलाइन आईपीएल सट्टा खिलाने वालों की जानकारी पुलिस को मिली थी, जिसपर अब एक्शन लिया गया है.

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गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पुलिस ने छह आरोपियों को किया गिरफ्तार.

Online IPL Satta Gang:  छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पुलिस ने ऑनलाइन आईपीएल सट्टा पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. इस मामले में पेंड्रा थाना में आईपीएल सट्टा में लिप्त छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.  पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों का नाम अजय यादव  (27) , जितेन्द्र कुमार सोनवानी  (23), राज कुमार कश्यप (40), राहुल कोरी ( 24), अनुराग सोनी ( 19) और योगेश देवांगन (24) है.  बता दें कि कुछ दिन पहले स्काईएक्सचेंज राजा-रानी ऐप के जरिए ऑनलाइन आईपीएल सट्टा खिलाने वालों की जानकारी प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कार्रवाई करने के लिए कहा था. 

किराए पर करते थे बैंक खाते का इस्तेमाल 

थाना पेंड्रा में साइबर सेल की मदद से कार्रवाई की गई है. जिसमे एक आरोपी रितेश सुलतानिया मौके से भागने में कामयाब हो गया था. जो अभी तक फरार है, जिसके जब्त मोबाइल से मिली जानकारियों के आधार पर जीपीएम पुलिस ने सटोरियों तक अपनी पहुंच बनाई है. बता दें कि किराए पर अपने खातों का उपयोग करने देने के लिए देने पैसे दिए जाते थे. फिर इन खातों पर सट्टे के पैसे का लेन-देन होता था. इस मामले संलिप्त युवक को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी सट्टे की रकम के लिए हायर किए खाते की पासबुक, चेकबुक और एटीएम रख लिया करते थे. सट्टा खिलाने वाले बदले में कभी पांच हजार तो कभी दस हजार रुपये इनको ऐसे ही दे दिया करते थे.  

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सिम जारी होने का जरा भी इल्म नहीं..

वहीं, जब इस्तमाल किए जा रहे नंबरों की जानकारी ली गई, तब लोकेट करते हुए साइबर सेल की टीम पेंड्रा के एक युवक के पास पहुंची. जहां उसके नाम से सिम जारी होने का उसे जरा भी इल्म नहीं था. इस युवक ने बताया कि पेंड्रा का एक युवक योगेश देवांगन कुछ माह पहले पीएनबी बैंक के पास सिम बेचने का स्टॉल लगाया था, जहां एक माह के लिए अनलिमिटेड डेटा जैसे लुभावने ऑफर्स के साथ वह सिम बेच रहा था. युवक जब योगेश देवांगन के स्टॉल गया तो योगेश ने दो बार उससे थंब इंप्रेशन की पंचिंग और फोटो करवाई. जिसमे पहली बार एक्टिवेशन न होने पाने की बात कही फिर युवक को एक सिम देकर दो दिन बाद चालू हो जाएगी कहकर भेज दिया. जो बाद में एक्टिवेट भी नहीं हुआ.

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खरीददारों के नाम सामने आने की संभावना

 इस बयान के आधार पर योगेश देवांगन को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह इसी तरह स्टॉल में आए भोले-भाले ग्राहकों को निशाना बनाता था. उनके नाम की सिम एक्टिवेट करने के बहाने सट्टा खेलवानें के लिए सिम पोर्ट कर देता है, मिली जानकारी के अनुसार रितेश सुलतानिया समेत कुछ अन्य सट्टे का कारोबार करने वाले इससे सिम खरीदते हैं, जिसे वह 150 से 200 रुपये प्रति सिम लाभ कमाकर बेच देता है. फिलहाल जीपीएम पुलिस आरोपी योगेश का पुलिस रिमांड लेकर और पूछताछ कर रही है. जिसमे योगेश के अन्य फर्जी सिम के खरीददारों के नाम सामने आने की संभावना है.

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न्यायिक रिमांड पर भेजा

बहरहाल कुल 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जिनसे बरामद हुए कई मोबाइल, सटोरियों के कई सिम और उनसे जुड़ी बैंक जानकारियां पुलिस टटोल रही है. योगेश देवांगन की पुलिस रिमांड और अन्य सभी पांच आरोपियों पर ठगी की कूट रचना आपराधिक षडयंत्र समेत आईटी एक्ट की धाराओं में कार्रवाई करते हुए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है.

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