स्कूल में 470 छात्राएं, लेकिन पढ़ने के लिए भवन नहीं, छत्तीसगढ़ के इस कन्या शाला का निर्माण 7 साल में भी अधूरा

CG News: एमसीबी जिले के भरतपुर में सरकारी स्कूल की हालत बेहद खराब है. 470 छात्राओं वाले इस कन्या स्कूल में पढ़ने के लिए कमरे नहीं है. सरकार ने सात साल पहले 31 लाख रुपये स्वीकृत किए थे, लेकिन सात सालों में भी इस स्कूल का भवन नहीं बन सका है.

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सात साल में भी स्कूल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.

Government Schools in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की सरकारी स्कूलें नए भवन के बिना हाशिए पर चल रही हैं. कई स्कूलों में भवन की कमी है तो कई में भवन का निर्माण कार्य अधर में पड़ा हुआ है. ताजा मामला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले (MCB District) का है, जहां के जनकपुर (Janakpur) में संचालित कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल (Girls Higher Secondary School) का भवन पिछले सात सालों में भी नहीं बन पाया है. दरअसल, छात्राओं को पढ़ाई में सहूलियत के लिए शासन ने साल 2017 में करीब 31 लाख रुपये के नए भवन की मंजूरी दी थी. निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन आज 7 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है. अब नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी उसी पुराने टीन वाले भवन में छात्राएं पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

वहीं आरईएस विभाग के सहायक कमलेश सिंह मार्को ने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत भवन स्वीकृत हुआ था, जिसका टेंडर के बाद निर्माण शुरू किया गया था. भवन निर्माण का काम ठेकेदार हरिशंकर पांडे द्वारा कराया जा रहा है. बीते 4 साल आवंटन नहीं मिलने की वजह से निर्माण बंद है.

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स्कूल में 470 छात्राएं, लेकिन पढ़ने के लिए भवन नहीं

आपको बता दें कि इस स्कूल में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं में कुल 470 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं. दो मंजिला भवन निर्माण के लिए भाजपा शासन के दौरान ही 31 लाख रुपये की मंजूरी दी गई थी. इसके बाद आरईएस ने भवन निर्माण का काम शुरू किया. ग्रामीणों और शिक्षकों को भी ऐसा लग रहा था कि भवन निर्माण होने के बाद उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा सभी सुविधाओं के साथ मिलेंगी, लेकिन यहां परेशानी और बढ़ गई है. क्योंकि, भवन का ग्राउंड फ्लोर ही 7 साल में तैयार हो सका है.

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स्कूल का भवन नहीं होने के चलते टीन शेड वाले कमरे में बच्चों को बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है. वहीं प्रैक्टिकल खुले मैदान में करना पड़ता है. स्कूल में मैथ्स, साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाती है. इसकी वजह से यहां अलग-अलग कक्षाओं के संचालन के लिए कई कमरों की जरूरत है.

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स्कूल की छत से पानी टपकता है.

लड़कोड़ा गांव की स्कूल की छत टपक रहा पानी

वहीं ग्राम पंचायत लड़कोड़ा में संचालित प्राथमिक शाला भवन के जीर्णोद्धार के लिए समग्र शिक्षा मद से 2023-24 में 3.39 लाख रुपये की मंजूरी मिली. इस राशि से स्कूल की रिपेयरिंग करानी थी, लेकिन यहां निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत ने टाइल्स लगवा दिया. अब बारिश में छत से पानी टपक रहा है. इसके चलते बच्चों को परेशानी हो रही है, क्योंकि बारिश के दिनों में स्कूल में बैठकर वे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. प्रधान पाठक रामजी शर्मा ने बताया कि कई बार सरपंच को रिपेयरिंग कराने के लिए कहा गया, लेकिन राशि मिलने पर मनमानी करते हुए टाइल्स लगवा दिया है.

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