Inflation: अब महंगाई की मार... आलू-प्याज समेत सब्जियों के, तो गेहूं-दाल समेत खाने-पीने की इन वस्तुओं के दाम बढ़े

Wholesale Inflation Rises: सब्जियों, दालों तथा खाने-पीने की दूसरी चीजों की थोक कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से मई में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई जो सवा साल का उच्चतम स्तर है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शुक्रवार 14 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 7.4 प्रतिशत रही.

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Inflation Rate: मई में थोक महंगाई (Wholesale Inflation) बढ़कर सवा साल के उच्चतम स्तर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई है जबकि अप्रैल में मुद्रास्फीति दर (Inflation Rate) 4.83 प्रतिशत पर थी जो 11 महीने का निचला स्तर था. इसका मतलब यह है कि जहां एक ओर खाने-पीने की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खुदरा महंगाई 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. जबकि खुद सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ें यह कह रहे हैं कि  सभी जरूरी खाने-पीने की वस्तुएं एक साल में लगभग 16.68% तक महंगे हुए हैं. अब पूछेंगे ये अंतर क्यों है तो जान लीजिए इसके पीछे की बड़ी वजह. दरअसल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर में खाने-पीने की चीजों का वेटेज 45.86 फीसदी से घटाकर 39 फीसदी कर दिया गया है. इसके लिए NSSO यानी National Sample Survey Office की खपत रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जो यह बयां करती है कि पिछले एक दशक यानी 10 साल में आम आदमी के खाने-पीने के खर्च में कमी आई है. आंकड़े कहते हैं कि खाद्य तेल (सोया ऑयल) को छोड़ दें तो आटा, दाल, चावल, दूध, चाय पत्ती, शक्कर के साथ-साथ आलू, प्याज और टमाटर के दामों में तेजी आयी है.

थोक महंगाई का ऐसा है हाल

सब्जियों, दालों तथा खाने-पीने की दूसरी चीजों की थोक कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से मई में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई जो सवा साल का उच्चतम स्तर है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शुक्रवार 14 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 7.4 प्रतिशत रही.

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पिछले साल मई की तुलना में इस साल मई में आलू के दाम 64.05 प्रतिशत, प्याज के 58.05 प्रतिशत और सब्जियों के 32.42 प्रतिशत बढ़े. दालें 21.95 प्रतिशत, अनाज 9.01 प्रतिशत और फल 5.81 प्रतिशत महंगे हुए. दूध के दाम भी 3.61 फीसदी बढ़े.

इससे पहले अप्रैल में थोक महंगाई 1.26 प्रतिशत रही थी. वहीं, थोक महंगाई का मई का स्तर फरवरी 2023 (3.85 प्रतिशत) के बाद सबसे ज्यादा है. मई में रसोई गैस की थोक कीमत 2.48 फीसदी और पेट्रोल की 0.51 फीसदी बढ़ी जबकि डीजल में 1.06 प्रतिशत की गिरावट रही.

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मई में महंगाई दर घटकर 12 महीने के निचले स्तर पर

सांख्यिकी मंत्रालय ने बुधवार को जो आंकड़े जारी किए उसके अनुसार मई के महीने में भारत की महंगाई दर घटकर 12 महीने के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई. ईंधन और खाने के तेल की कीमतों में गिरावट से लोगों के घरेलू बजट पर बोझ कम होने की उम्मीद है. अप्रैल में मुद्रास्फीति दर 4.83 प्रतिशत पर थी जो 11 महीने का निचला स्तर था.

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मंत्रालय ने कहा, "मसालों के दाम में अप्रैल 2024 की तुलना में साल-दर-साल काफी गिरावट आई है. साथ ही कपड़े और जूते, आवास से संबंधित महंगाई पिछले महीने से कम हुई है." मई में खाने के तेल की कीमतों में गिरावट का रुख जारी रहा और इस महीने के दौरान इसमें 6.7 प्रतिशत की गिरावट आई.

मसालों की कीमतों में वृद्धि अप्रैल में 11.4 प्रतिशत से धीमी होकर मई में 4.27 प्रतिशत हो गई. हालांकि, दालों की कीमत 17.14 प्रतिशत पर बनी रही जो काफी ज्यादा है. सब्जियों की कीमतों में भी 27.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि यह अप्रैल के 27.8 प्रतिशत से थोड़ा कम है. महीने के दौरान अनाज की कीमतों में भी 8.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में 7.87 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल अप्रैल में यह 1.5 प्रतिशत थी. पिछले महीने यानी मई में खाद्य मुद्रास्फीति में 8.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई. देश की महंगाई दर लगातार कई महीनों में घट रही है और मार्च में यह 4.85 प्रतिशत पर आ गई, जबकि फरवरी में यह 5.09 प्रतिशत और इस साल जनवरी में 5.1 प्रतिशत थी. अब यह आरबीआई के टारगेट के नजदीक है, लेकिन इसके बावजूद आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की है.

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