Motor Vehicle Act: दुर्घटना को लेकर बनाए गए नए कानून का विरोध पूरे छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शुरू हो गया है. इस हड़ताल में फ्यूल टैंकर ड्राइवरों के शामिल होने से पेट्रोल पंपों की टोटियां सूखने लगी है. जहां तेल है भी, वहां वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है.
जबलपुर के पेट्रोल पंपों में पेट्रोल मिलना बंद हो गया, क्योंकि हड़ताल के बाद 80 % पेट्रोल पंप में पेट्रोल नहीं मिल रहा है. हड़ताल की खबर जैसे ही लोगों को मिलते तो, वे कड़कड़ाती ठंड में सुबह 5 बजे से ही पंपों की तरफ दौड़ पड़े , जिसकी वजह से पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म हो गया. वहीं, जिन पेट्रोल पंपों पर थोड़ा बहुत पेट्रोल बचा हुआ है. वहां हजारो टू व्हीलर और कारों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है. जिसकी वजह से जो लोग जल्दी में हैं, वे निराश होकर वापस जा रहे हैं.
इसलिए हड़ताल कर रहे हैं ड्राइवर
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन को लेकर नई परिवहन नीति में बड़ा बदलाव किया गया है. इसके तहत धारा 304A के तहत सड़क दुर्घटना में दोषी पाए जाने पर चालकों और परिचालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जो चालकों-परिचालकों को नागवार गुजर रहा है. लिहाजा, इसके खिलाफ सभी बस, ट्रक और टैंकर ड्राइवरों ने हड़ताल की शुरुआत कर दी है. ड्राइवरों की मांग है कि केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले. गौरतलब है कि नए कानून के तहत दुर्घटना होने पर यदि ड्राइवर घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने के बजाय छोड़कर भागते हैं, तो दस साल की सजा के अलावा अर्थ दंड भी देना पड़ेगा. ड्राइवरों के संगठन इस कानून को अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए खतरा मानकर विरोध कर रहे हैं.
हो सकती है भारी परेशानी
खास बात ये है कि ये हड़ताल तीन दिनों के लिए क्या गया है. ऐसे में आम जनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, एक साथ बस, टैक्सी और लोडिंग वाहनों के पहिए थम गए हैं. खास बात ये है कि ड्राइवरों की ये हड़ताल तीन दिनों तक चलेगी. लिहाजा, इस दौरान यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पढ़ सकता है. इसकी वजह से दैनिक उपयोग की सामग्री पर भी असर देखने को मिल सकता है. पेट्रोल पंपों की टोटियां अभी से सूखने लगी है, जिससे बड़ी संख्या में लोग परेशान हो रहे हैं. इसके अलावा, साग-सब्जियों की महंगाई भी बढ़ सकती है.