MP Fertilizer Crisis : इन दिनों एमपी के कई जिलों से खाद की किल्लत को लेकर खबरें आ रही हैं. छतरपुर में भी किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं. समय पर खाद न मिलने से किसानों की बुवाई नहीं हो पा रही है. खाद की कालाबाजारी करने वाले लोग किसानों को महंगे दामों में खाद बेच रहे हैं. लेकिन छतरपुर से खाद की कमी को लेकर एसडीएम अखिल राठौर के छापे बाद जो कहानी सामने आई है, वो खाद की कालाबाजारी को उजागर कर रही है.
बड़े स्तर पर कर रखी थी खाद की जमाखोरी
किसानों ने जैसे ही कलेक्टर पार्थ जायसवाल को खाद की कमी से अवगत कराया, तो डीएम ने एसडीएम को इस मामले पर जांच करने के निर्देश दिए. खाद की जमाखोरी करने वालों को पकड़ने के लिए एसडीएम ने नया तरीका अपनाया था. एसडीएम अधिकारी बनकर नहीं, बल्कि एक ग्राहक बनकर खाद की जमाखोरी को पकड़ने गए थे. एसडीएम ने जब छापा मारा तो खाद की सैकड़ों बोरियां गोदाम में रखी हुई मिलीं. स्टॉक देखकर खुद एसडीएम चौक गए.
बिना लाइसेंस के स्टोर कर रखी थी इतनी खाद
दरअसल, छतरपुर जिले के ईशानगर में किसानों को सेल करने के लिए बिना लाइसेंस के संतोष अग्रवाल और हरिश्चंद्र ने गोदाम में खाद का भंडारण किए थे. कलेक्टर को किसानों ने सूचना दी, तो कलेक्टर ने SDM छतरपुर अखिल राठौर से छापा डलवा दिया. एक व्यापारी भाग गया, तो SDM ने गोदाम का ताला तोड़कर अंदर दाखिल हुए. जब अंदर देखा, तो आंखें चौक गई. खाद इतनी निकली, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. SDM ने दोनों गोदामों की गिनती करवाई, तो 2000 बोरी खाद बरामद हुई, जिसमें DAP, यूरिया, SSP सहित कई प्रकार की खाद मौके पर जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी गई.
ये भी पढ़ें- Suicide : सिम्स के हॉस्टल में MBBS डॉक्टर ने की खुदकुशी, मचा बवाल ! आखिर क्या है वजह ?