मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा 2023 के रिजल्ट आ चुके हैं. इसके साथ ही इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की एक से बढ़कर एक रोचक कहानी सामने आ रही है. ऐसी ही एक कहानी है सागर जिले के छोटे से गांव खमकुआ के किसान पुत्र यशपाल स्वर्णकार की. यशपाल कभी सोने की दुकान में जेवर बनाने का काम कर लोगों के चेहरों पर चमक बिखेरने का काम करते थे. लेकिन, अब वह अपनी मेहनत और लगन की वजह से राज्य स्तरीय परीक्षा से सिलेक्ट होने वाले सबसे बड़े प्रशासनिक पद यानी डिप्टी कलेक्टर के लिए चयनित हो गए हैं. यानी अब उनकी भी किस्मत चमक गई है.
खेती करते हैं पिता
कभी सोने की दुकान में जेवर बनाने का काम करने वाला यह युवक आज मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2023 में तीसरी रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बन गया है. यशपाल की इस उपलब्धि से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है. परिवार, गांव और जिले के लोगों में भी गर्व की भावना है. यशपाल के पिता खेती करते हैं और सीमित संसाधनों के बावजूद बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी. वह सागर जिले के छोटे से गांव खमकुआ के रहने वाले हैं.'सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता'
एनडीटीवी से खास बातचीत में यशपाल ने बताया कि उन्होंने पहले भी दो बार एमपीपीएससी की परीक्षा पास की थी, लेकिन रैंक सुधारने के लक्ष्य के साथ उन्होंने तीसरी बार परीक्षा दी और इस बार डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल करने में सफल रहे. उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, लगातार कोशिश ही सफलता की कुंजी है.
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यशपाल ने परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि नियमित अध्ययन, आत्मविश्वास और धैर्य बनाए रखना सबसे ज़रूरी है. दरअसल, उनकी सफलता की कहानी प्रदेशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है. हालात चाहे जैसे भी हो, अगर जज़्बा हो, तो सपने ज़रूर पूरे होते हैं.
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