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    मध्य प्रदेश, जहां नदियों के साथ है विविध बोलियों का प्रवाह 

    नदियों के कल-कल में आनंद का प्रवाह मिश्रित है. इनके तटों पर बसे लोगों में व्याप्त परंपरा की निरंतरता नदी के कल-कल के साथ ध्वनित होती रहती है. इन्हीं ध्वनियों के साथ बोलियां, परंपराएं दमकती हैं और अपनी क्षेत्र विशेष की लोक संस्कृति से परिचित कराती हैं. नदियां मानवीय सभ्यता की जननी हैं.

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