Assembly Election: मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में पिछले चुनाव में ये रहे हैं सियासी समीकरण...जानिए डिटेल में

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बज चुका है. ऐसे एक बार फिर से ये याद कर लेना जरूरी हो जाता है कि पिछले चुनाव में दोनों राज्यों में क्या स्थिति थी. कैसे पिछले चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी अभी सत्ता में नहीं है. वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने कैसे शानदार जीत दर्ज की.

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Assembly Election Date: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग होगी और छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी. दोनों ही राज्यों में चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आ जाएगा. इससे पहले हम निगाह डाल लेते हैं कि दोनों राज्यों में पिछले चुनाव में क्या नतीजे रहे थे. सबसे पहले बात मध्यप्रदेश की. 
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2018 में मध्यप्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी जबकि बीजेपी के खाते में 109 सीटें आईं थी. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली.लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफान तब खड़ा हो गया जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद बीजेपी के पास बहुमत हो गया और फिर से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए. 

हालांकि राज्य में फिर से 28 सीटों पर उपचुनाव हुए औऱ बीजेपी 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह अपने 18 साल की सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं. बीजेपी ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए हैं. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाए पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है ये तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे. 

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अब बात कर लेते हैं छत्तीसगढ़ की. पिछले विधानसभा चुनाव,यानी विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी. पार्टी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया.इसके साथ ही बीजेपी के रमन सिंह का 15 सालों तक चला कार्यकाल खत्म हो गया. बीजेपी महज 15 सीटें ही अपनी झोली में डाल पाई. 

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छत्तीसगढ़ में सत्ता में कैसे बदलाव हुआ इसे समझने के लिए 2013 के चुनाव परिणामों पर भी निगाह डालनी होगी. तब बीजेपी को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41 सीटें. दोनों के बीच महज 1 फीसदी से भी कम वोट शेयर का अंतर था. अब भूपेश सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है तो बीजेपी एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर से सत्ता पाने की जुगत में लगी है.

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