राजनीति में 'परिवारवाद': कांग्रेस भी पीछे नहीं है जनाब ! आयातित नेताओं पर भी बरसी कृपा

मध्यप्रदेश की सियासत भी गजब है. यहां सभी दलों के नेता परिवारवाद (Nepotism) के खिलाफ तो पानी पी-पी कर बोलते हैं लेकिन हकीकत ये है कि राज्य में सभी बड़े दल परिवारवाद को पालते-पोसते हैं. बीजेपी की पहले चार लिस्ट आ चुकी है. जिसमें कई नेताओं के परिजनों को जगह मिली है. कांग्रेस की पहली लिस्ट आई तो हालात कुछ ऐसे ही दिखे. नेता पुत्र या परिजन भी इस लिस्ट में हावी हैं.

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Congress list in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश की सियासत भी गजब है. यहां सभी दलों के नेता परिवारवाद (Nepotism) के खिलाफ तो पानी पी-पी कर  बोलते हैं लेकिन हकीकत ये है कि राज्य में सभी बड़े दल परिवारवाद को पालते-पोसते हैं. बीजेपी की पहले चार लिस्ट आ चुकी है. जिसमें कई नेताओं के परिजनों को जगह मिली है. कांग्रेस की पहली लिस्ट आई तो हालात कुछ ऐसे ही दिखे. नेता पुत्र या परिजन भी इस लिस्ट में हावी हैं. 

कांग्रेस का 9 अंक से कनेक्शन !

दरअसल कांग्रेस की पहली सूची (first list of congress) का शुभ मुहूर्त बड़ा रोचक रहा,पार्टी ने ने देवी पक्ष यानि नवरात्र के पहले दिन सुबह 9 बजकर 9 मिनट पर अपनी पहली सूची में 144 नामों का ऐलान किया जिसका योग भी 9 है.इस पहली लिस्ट में कम से कम 5 बीजेपी नेताओं के सामने 5 पूर्व बीजेपी नेता ही मैदान में हैं,जिनमें दतिया सीट से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ अवधेश नायक, कोलारस सीट से पूर्व कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के वफादार बैजनाथ यादव,सुरखी सीट से सिंधिया-वफादार मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) के खिलाफ नीरज शर्मा, मुंगावली से राव यादवेंद्र सिंह और कटंगी सीट से पूर्व बीजेपी सांसद बोध सिंह (MP Bodh Singh) भगत को टिकट मिला है.

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कांग्रेस का भाई-भतीजावाद 

लहार (भिंड) सीट से सातवीं बार के विधायक और नेता विपक्ष डॉ.गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया को उसी भिंड जिले की मेहगांव सीट से मैदान में उतारा गया है और उनकी समधन चंदारानी गौर को खरगापुर से मैदान में उतारा गया है. गौर करने वाली बात ये है कि खरगापुर से उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह को बीजेपी ने मैदान में उतारा है.
पश्चिमी मध्यप्रदेश  के अलीराजपुर जिले में कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार एक ही परिवार से आते हैं. जहां पहली बार विधायक बने मुकेश पटेल अलीराजपुर सीट से उम्मीदवार होंगे वहीं उनकी भाभी सेना पटेल को जोबट सीट से मैदान में उतारा गया है. पास के झाबुआ जिले में,राज्य युवा कांग्रेस के प्रमुख डॉ. विक्रांत भूरिया (जो 2018 का चुनाव हार गए थे) को झाबुआ-एसटी सीट से मैदान में उतारा गया है. 2019 के उपचुनाव में ये सीट उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने जीती थी.

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दूसरी तरफ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के विधायक बेटे जयवर्धन सिंह (Jaivardhan Singh)को परिवार के गढ़ राघौगढ़ से मैदान में उतारा गया है और उनके भाई लक्ष्मण सिंह को गुना जिले की चाचौड़ा सीट से दोहराया गया है.सिंह परिवार के करीबी रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह (15 महीने पुरानी पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री भी थे) को राजगढ़ जिले की खिलचीपुर सीट से दोबारा टिकट दिया गया है.

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धार जिले में,पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे और पूर्व मंत्री तीसरी बार के विधायक उमंग सिंघार को गंधवानी-एसटी सीट से फिर से मैदान में उतारा गया है,दूसरी बार के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को कुक्षी से दोहराया गया है. इस सीट को उनके पिता प्रताप सिंह बघेल ने 1972 से 1980 के बीच तीन बार जीता था.

खंडवा जिले में,रूपाली नंदू बारे (कांग्रेस के दिग्गज नेता नंदू बारे की बेटी,जो दो बार चुनाव लड़ने के बावजूद जीतने में असफल रहीं) उन्हें पंधाना-एसटी सीट से मैदान में उतारा गया है, जबकि पूर्व विधायक राजनारायण सिंह पूर्णी के बेटे उत्तम पाल सिंह मांधाता सीट से चुनाव लड़ेंगे.
इसी तरह पड़ोसी खरगोन जिले में,पूर्व डिप्टी सीएम सुभाष यादव के छोटे बेटे,दो बार के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री सचिन यादव कसरावद सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ महेश्वर-एससी सीट से चुनाव लड़ेंगी जिसे उनके पिता सीताराम साधो ने पहले तीन बार जीता था.

इंदौर जिले में प्रेमचंद गुड्डु की बेटी रीना बौरासी सांवेर-एससी सीट से उम्मीदवार होंगी. इसके अलावा, मौजूदा विधायक आलोक चतुर्वेदी (पूर्व कांग्रेस सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के भाई)को छतरपुर सीट से दोहराया गया है,पूर्व विधायक हेमंत कटारे (पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे) अपनी पुरानी सीट अटेर से चुनाव लड़ेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह उर्फ राहुल सिंह चुरहट से, उनके मामा राजेन्द्र सिंह अमरपाटन और कमलेश्वर पटेल सिहावल से चुनाव लड़ेंगे.

गैर-कांग्रेसी नेताओं के टिकट में भी परिवार सर्वोपरि

लेकिन कांग्रेस में सिर्फ उनकी पार्टी के नहीं बल्कि दूसरे दलों से आए राजनीति की विरासत संभालने वालों को भी चुनाव में उतारा गया है. मसलन-गुना जिले की बमोरी सीट पर पार्टी ने पूर्व मंत्री और पूर्व बीजेपी विधायक कन्हैयालाल अग्रवाल के बेटे ऋषि अग्रवाल को मैदान में उतारा है.उनके पिता इसी सीट से 2020 का उपचुनाव हार गये थे.पिछोर सीट से 6 बार के मौजूदा विधायक केपी सिंह कक्काजू को पड़ोसी शिवपुरी सीट पर भेज दिया गया है जबकि शैलेन्द्र सिंह (पूर्व शिवपुरी जिला बीजेपी प्रमुख पद्म राजे बुंदेला के बेटे) को पिछोर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. बालाघाट सीट से उम्मीदवार अनुभा मुंजारे पूर्व विधायक कंकर मुंजारे की पत्नी हैं.

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