टिकट कटने पर छतरपुर के BJP विधायक राजेश प्रजापति भी फफक पड़े, कहा- करोड़ों में हुआ है सौदा

मध्यप्रदेश में टिकट से महरूम रह गए नेताओं का दर्द अब खुल कर सामने आने लगा है. ताजा मामला छतरपुर के चंदला विधानसभा सीट का है. भारतीय जनता पार्टी ने यहां के मौजूदा विधायक राजेश प्रजापति का टिकट काटकर दिलीप अहिरवार को दे दिया है.

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Madhya Pradesh Assembly Elections: मध्यप्रदेश में टिकट से महरूम रह गए नेताओं का दर्द अब खुल कर सामने आने लगा है. ताजा मामला छतरपुर (Chhatarpur) के चंदला विधानसभा सीट (Chandla Assembly Seat)का है. भारतीय जनता पार्टी ने यहां के मौजूदा विधायक राजेश प्रजापति (Rajesh Prajapati) का टिकट काटकर दिलीप अहिरवार को दे दिया है. इससे राजेश प्रजापति और उनके समर्थक बेहद आहत दिखाई दे रहे हैं. सोमवार को जब वे मशहूर आल्हमदेवी मंदिर (Alhamdevi Temple) में अपने समर्थकों के साथ दर्शन करने गए थे तो पत्रकारों के सामने वे फफक-फफक कर रो पड़े. प्रजापति ने आरोप लगाया है कि उनका टिकट करोड़ों रूपये में बेचा गया है. 

राजेश प्रजापति ने मीडिया के कैमरों के सामने अपनी बात खुलकर रखी. उन्होंने कहा कि- वे 2018 में अकेले प्रत्याशी थे जिसने जिले में भाजपा की नाक बचाई थी. पांच सालों तक वे अकेले ही जिले में कांग्रेसियों से जूझते रहे तब किसी संगठन ने उनकी मदद नहीं की. जब वे लोगों की सेवा के लिए रात-दिन काम करते रहे तब कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया. लेकिन चुनाव के समय अचानक संगठन में बैठे कुछ लोगों ने उनके साथ धोखा कर दिया. राजेश प्रजापति के मुताबिक उनके क्षेत्र का टिकट करोड़ों रूपए में बेचा गया है.

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उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले मध्यप्रदेश के प्रभारी भूपेन्द्र यादव (Bhupendra Yadav) ने उन्हें टिकट का आश्वासन देकर भोपाल से क्षेत्र में भेज दिया था लेकिन फिर कुछ लोगों ने उनका टिकट कटवा दिया. राजेश प्रजापति ने इशारों में कहा कि ऐसा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (State President VD Sharma) की वजह से हुआ है.

इसी दौरान वहां मौजूद विधायक के समर्थकों ने  वीडी शर्मा मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. विधायक ने कहा कि क्षेत्र के मंडल अध्यक्ष, दोनों जनपद के अध्यक्ष एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष उनके साथ हैं. इसके बावजूद बाहरी प्रत्याशी को टिकट दे दिया गया. इसी वजह से क्षेत्र में दिलीप अहिरवार का विरोध हो रहा है. राजेश के मुताबिक स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पूरे इलाके में रैली निकालकर अहिरवार का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा होगा.  
बता दें कि कुछ दिनों पहले भी इस तरह की ही तस्वीर आष्टा से विधायक रघुनाथ मालवीय की सामने आई थी. बीजेपी की पांचवीं लिस्ट में उनका नाम नहीं था. जब लिस्ट आई और मालवीय के नाम की जगह जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह का नाम दिखा. इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए टिकट कटने का उनका दर्द छलक आया और वह रोने लगे. 

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