MP Election: क्या बीजेपी पिछोर से लड़ाएगी ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव ! क्यों हो रही है ये चर्चा?

बीजेपी ने बीते मंगलवार को मध्यप्रदेश के बाकी 94 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं की है. अब चर्चा है कि पार्टी ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस की तरह ही कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है.

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Madhya Pradesh Assembly Elections: बीजेपी ने बीते मंगलवार को मध्यप्रदेश के बाकी 94 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं की है. अब चर्चा है कि पार्टी ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal Division) में कांग्रेस की तरह ही कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)को पिछोर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. सूत्र तो ये भी बता रहे हैं कि इसका ऐलान 19 अक्टूबर को या उससे ठीक पहले भी हो सकता है. ऐसा इसलिए भी कहा कि जा रहा है कि 19 अक्टूबर को खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछोर (Pichor)में मौजूद रहेंगे. इसका मतलब है कि बीजेपी यदि उन्हें उम्मीदवार बनाती है तो वे बतौर प्रत्याशी अपने इलाके में मौजूद रहेंगे. 

सिंधिया के लिए पिछोर क्यों..?

बात अगर 2018 के लोकसभा चुनाव की करें तो  गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभाओं में से सिर्फ एक पिछोर विधानसभा सीट ही ऐसी थी जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को न केवल जीत मिली बल्कि उन्होंने बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को इस इलाके में हराया था वह बात अलग है कि उन्हें 2018 का चुनाव एक लाख से भी ज्यादा मतों से हारना पड़ा था. यही वजह है कि सिंधिया के लिए यह सीट सबसे मुफीद मानी जा रही है. 

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पिछोर विधानसभा में 6 घंटे रहेंगे सिंधिया

केंद्रीय मंत्री सिंधिया के कार्यालय से जारी किया गया दौरा कार्यक्रम बताता है कि वे पिछोर विधानसभा के पिछोर खनियाधाना सेक्टर में  6 घंटे जितना लंबा समय व्यतीत करेंगे. चुनावी समय में जहां नेता आमतौर पर चुनावी सभाओं को संबोधित कर दूसरी विधानसभा में प्रचार के लिए  निकल जाते हैं ऐसे में सिंधिया का 6 घंटे पिछोर विधानसभा में रहना अपने आप में कुछ इशारा कर रहा है.पूर्व लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री सिंधिया को लेकर भाजपा जिस तरह से मंथन करते हुए दिखाई दे रही है उससे इतना तो साफ है कि भाजपा सिंधिया को चुनाव लड़वाने के प्रति बेहद संवेदनशीलता से अपनी रणनीति तैयार कर रही है. दरअसल भाजपा की रणनीति यह है कि एक इलाके में एक बड़े नेता का होना कहीं ना कहीं आसपास की सीटों पर असर डालेगा.ग्वालियर-चंबल संभाग की अगर बात करें तो चंबल संभाग से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा गया है तो वहीं ग्वालियर संभाग से शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट से सिंधिया को चुनाव लड़ाया जा सकता है.  

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पिछोर से प्रीतम ही रहेंगे मैदान में?

दिलचस्प ये है कि पिछोर विधानसभा सीट से भाजपा ने सबसे पहली सूची में प्रीतम सिंह लोधी का नाम घोषित किया गया था. प्रीतम सिंह दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने वर्तमान कांग्रेस के विधायक कप सिंह काजू उर्फ  को नजदीकी टक्कर दी थी. प्रीतम सिर्फ 2000 वोटो के अंतर से ही हारे थे. लेकिन हाल ही में चर्चा सामने आई है कि चुनाव आयोग में उनको लेकर कोई शिकायत की गई है जिसमें कहा गया है कि उनके ऊपर 50 से ज्यादा मुकदमे हैं और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ना कहीं उनके चुनाव लड़ने को लेकर संशय है.

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क्या कहता है विधानसभा का गणित ?

पिछोर विधानसभा की अगर बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 268350 मतदाता हैं. जिनमें से 140913 मतदाता पुरुष है जबकि 127437 महिला मतदाता हैं .इस विधानसभा क्षेत्र में 297 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.जहां आने वाली 17 नवंबर को विधानसभा के लिए मतदान किया जाएगा. पिछोर विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो यह लोधी बाहुल्य सीट है और यहां तकरीबन 80000 से ज्यादा लोधी समुदाय के मतदाता हैं. इसके अलावा यहां वैश्य और ब्राह्मण समाज के साथ ठाकुर जाति के भी मतदाता हैं.

विधानसभा क्षेत्र के लोगों की बड़ी मांग

पिछोर विधानसभा  जिला मुख्यालय से सबसे दूर मानी जाने वाली विधानसभा है. यह मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर पड़ती है. जिसकी वजह से लोगों को अपना काम कराने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.यही वजह है कि यहां के लोगों की बड़े लंबे समय से मांग है कि पिछोर को जिला घोषित किया जाए.   लेकिन प्रीतम सिंह लोधी की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से कहा था कि तुम बीजेपी को ज़िताओ मैं तुम्हें जिला बना कर दूंग. ऐसे में अगर सांसद सिंधिया चुनाव लड़ते हैं तो यहां के लोगों को जिला बनने की उम्मीद मजबूती से दिखाई देगी. हालांकि अभी ये देखने वाली बात होगी कि सिंधिया को उम्मीदवार बनाने वाली बात सिर्फ कयास रहती है कि या बीजेपी उन्हें सचमुच मैदान में उतार कर सरप्राइज देती है. 

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