बालाघाट: नक्सलियों के खिलाफ जिले के SP समीर सौरभ का रहा है शानदार रिकॉर्ड

समर्पित आईपीएस अधिकारी श्री समीर सौरभ बालाघाट में आशा की किरण के रूप में खड़े हैं, जो सामुदायिक सद्भाव और सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए सफल नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

नक्सलियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन चलाने वाले IPS अधिकारी समीर सौरभ के कंधो पर संवेदनशील जिले बालाघाट की सुरक्षा का भार है. जिले के SP समीर सौरभ ने का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है. वे खासकर नक्सलियों को घुटने पर लाने के लिए जाने जाते हैं. झारखंड के छोटे से शहर हजारीबाग से निकलकर उन्होंने साल 2016 में सिविल सर्विस की परीक्षा क्रैक की. इसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 


झारखंड के हज़ारीबाग़ में जन्मे और पले-बढ़े  समीर सौरभ ने सिविल सर्विस से पहले एनआईटी त्रिची से उच्च शिक्षा हासिल की. बीटेक करने के बाद मुंबई में एक निजी कंपनी में काम भी किया लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की और फिर 2016 में इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की.  साल 2018 में उज्जैन के महाकाल संभाग में, 2019 में ग्वालियर में, 2020 में छतरपुर में और फिर 2021 में सागर जिले में बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी सेवाएं दी..जनवरी 2022 में समीर सौरभ ने बालाघाट के पुलिस अधीक्षक के रूप में पदभार संभाला.

 

Advertisement

समीर सौरभ और उनका परिवार

तब समीर के सामने नक्सलियों से लड़ने की बड़ी चुनौती थी. बीते एक साल में उन्होंने इलाके में कई सफल ऑपरेशन चलाए. जिसके परिणामस्वरूप न केवल प्रमुख नक्सली नेताओं का सफाया हुआ  बल्कि अवैध हथियारों की महत्वपूर्ण बरामदगी हुई.

Advertisement
नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की उनकी रणनीतियों ने उन्हें अपने सहयोगियों और बालाघाट के नागरिकों दोनों से प्रशंसा अर्जित की है.


भविष्य की संभावनाओं. 
चूंकि, समीर सौरभ बालाघाट के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं, वे जिले में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के बाद अब सुरक्षा को और मजबूत करने की मुहिम में लगे हुए हैं. साथ ही जनता में पुलिस का विश्वास बहाल हो ये भी उनकी प्राथमिकता में है. 

Advertisement
Topics mentioned in this article