World Humanitarian Day 2025: हर साल 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस (World Humanitarian Day) मनाया जाता है. दुनियाभर में सिर्फ एक मानव ही दूसरे मानव को बचा सकता है. 'मानवता' एक ऐसा शब्द है जिसको परिभाषित करना काफी मुश्किल है, क्योंकि यह शब्द व्यापक है. हर साल विश्व मानवतावादी दिवस के लिए थीम भी रखा जाता है. ऐसे में यहां जानते हैं विश्व मानवतावादी दिवस का इतिहास, कैसे हुई इसकी शुरुआत और 2025 में क्या थीम है?
विश्व मानवतावादी दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई, जानें इतिहास (World Humanitarian Day History)
19 अगस्त 2003 में बगदाद (Baghdad) में संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर (United Nations Headquarters) पर आतंकवादी हमले (Terrorist attacks) में करीब 22 लोग मारे गए थे, जिसमें समाज सेवक सर्जियो विएरा डी मेलो (Sergio Vieira de Mello) भी शामिल थे. इस विस्फोट ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया. दुनिया ने ये महसूस किया कि ह्यूमैनिटेकरियन वर्कर्स भी युद्धक्षेत्र में हीरो की तरह जान जोखिम में डालते हैं.
मानवतावादियों को श्रद्धांजलि देने और उन्हें याद करने के लिए विश्व मानवतावादी दिवस की स्थापना की गई. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने साल 2008 में 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस (World Humanitarian Day) के रूप में मनाने का निर्णय लिया.इसके बाद 2009 में पहली बार विश्व मानवतावादी दिवस आधिकारिक तौर पर मनाया गया, जिसके बाद हर साल 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है.
कौन थे सर्जियो विएरा डी मेलो? (Who was Sergio Vieira de Mello)
समाज सेवक सर्जियो विएरा डी मेलो का जन्म ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में हुआ था. उनके पिता एक राजनयिक और इतिहासकार थे. सशस्त्र संघर्ष के पीड़ितों की मदद करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि दुनिया उन्हें नहीं भूले इसके लिए मेलो ने तीन दशकों से अधिक समय तक अथक रूप से काम करते रहे. जागरूकता उनके अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. बता दें कि सर्जियो ने विश्व मानवतावादी दिवस को आधिकारिक मान्यता दिलाने लिए एक मसौदे को खींचने का भी प्रयास किया था.
विश्व मानवतावादी दिवस 2025 का थीम क्या है? (World Humanitarian Day 2025 Theme)
इस साल विश्व मानवतावादी दिवस का थीम है- 'वैश्विक एकजुटता को मजबूत करना और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना.'