चंद सेकेंड में बदल गया मोरक्को का नजारा, कैमरे में कैद कांपती हुई धरती, अब तक 820 मरे

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मोरक्को में हुई तबाही पर दुख जताते हुए कहा कि भारत हर संभव मदद के लिए तैयार है. मोरक्को में ऐसा विनाशकारी भूकंप कई दशकों बाद आया है.

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मोरक्को में भूकंप ने मचाई तबाही

रबात : उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में कम से कम 820 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. शुक्रवार रात आए भूकंप में भारी नुकसान हुआ है. सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में डरे हुए निवासियों और पर्यटकों को जान बचाने के लिए भागते हुए देखा जा सकता है. एक सीसीटीवी फुटेज में भूकंप आने पर कांपती हुई धरती और ऊपर से गिरता हुआ मलबा नजर आ रहा है. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार रात 11:11 बजे टूरिस्ट हॉटस्पॉट मराकेश से 72 किलोमीटर (45 मील) दक्षिण-पश्चिम में एक पहाड़ी इलाके में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया.

भूकंप इतना भयानक था कि रबात, कैसाब्लांका और एस्सौइरा के तटीय शहरों में भी तेज झटके महसूस किए गए. देश के गृह मंत्रालय ने कहा कि भूकंप में 672 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 205 की हालत गंभीर है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक सीसीटीवी क्लिप में भूकंप आने से पहले का नजारा देखा जा सकता है. वीडियो में कुछ लोग एक गली के कोने पर बैठे नजर आ रहे हैं. तभी अचानक वे उठकर भागने लगते हैं. उनके साथ बाकी लोगों को भी दौड़ते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में भूकंप से हिलती धरती और ऊपर से गिरता मलबा देखा जा सकता है.

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मदद के लिए आगे आई दुनिया
शनिवार को दुनियाभर से मोरक्को के लिए समर्थन संदेश आने शुरू हो गए. जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने एक्स पर संवेदना व्यक्त की. संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र प्रभावित आबादी की सहायता के प्रयासों में मोरक्को की सरकार की मदद करने के लिए तैयार है.' पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मोरक्को में हुई तबाही पर दुख जताते हुए कहा कि भारत हर संभव मदद के लिए तैयार है. मोरक्को में ऐसा विनाशकारी भूकंप कई दशकों बाद आया है.

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मोरक्को में क्यों आते हैं भूकंप?
 

अफ्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. 1960 में, मोरक्को के अगाडिर शहर के पास 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी.

अगाडिर भूकंप के बाद मोरक्को को अपने निर्माण नियमों में बदलाव के लिए मजबूर होना पड़ा था. लेकिन देश की कई इमारतें, खासकर ग्रामीण इलाकों के घर इतने शक्तिशाली झटकों को झेल नहीं सकते हैं. 2004 में, भूमध्यसागरीय तटीय शहर अल होसेइमा के पास 6.4 तीव्रता के भूकंप में 600 से अधिक लोग मारे गए थे.