श्योपुर (sheopur) में साक्षरता मिशन (Literacy Mission) के नाम पर मजाक ही चल रहा है. जिले के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में आयोजित साक्षरता परीक्षा में जो लोग केंद्र पर नहीं आए उनकी कॉपियां भी भर दी गईं. कहते हैं कि खुद टीचर्स और दूसरे लोगों ने कॉपियों में लिख दिया. बताया जा रहा है कि ऐसा साक्षरता मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया गया. दिखाने की कोशिश हुई कि श्योपुर में काफी संख्या में लोग निरक्षर से साक्षर हो चुके हैं. लेकिन यह सब कागजों पर ही हुआ. आज हम इसी पर बात करेंगे. समझेंगे कि आखिर जिम्मेदार अफसर ऐसी चीजें करके बच कैसे निकलते हैं? आप भी हमारे साथ जुड़ें. कॉल करें. क्योंकि आपके बोलने से ही चीजें बदलेंगी.