मीलों की दूरी पर प्यास का ठिकाना है, प्यास बुझाने का ये चलन कुछ सालों का नहीं बल्कि दशकों पुराना है... कुछ इसी तरह का हाल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की उर्जाधानी सिंगरौली (Singerauli) जिले का है, जहां के कई गांव के ग्रामीण आज भी अपनी प्यास बुझाने के लिए मिलों का सफर तय करके नदी-नाले के पानी पीने के लिए मजबूर है. वैसे तो केंद्र सरकार (Central Government) की बेहद महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की शुरुआत 15 अगस्त 2019 को शुरू हुई थी. लेकिन, मार्च 2025 तक भी गांव में बसने वाले लोगों को नल का जल नसीब नहीं हो पाया... ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन बावजूद इसके आदिवासियों के हालातों का किसी को सरोकार नहीं हैं.