महाकाल नगरी उज्जैन को सम्राट विक्रमादित्य (Samrat Vikramaditya) की नगरी के रूप में भी जाना जाता है. वजह है, यहां का विक्रमादित्य का टीला... इस टीले के पास सिंहासन बत्तीसी (Singhasan Battisi) बना हुआ है. इसमें 32 पुतलियां बनी हुई है, जिससे जुड़ी कई मान्यताएं हैं. लेकिन, अब ये सिंहासन इकत्तीसी रह गया है, क्योंकि 32 में से एक, इंदुमति (Indumati) की पुतली गायब है. साथ ही, उनके दरबार के नवरत्न की मूर्तियों में से चार मूर्तियां खंडित है.