बुंदेलखंड में एक-दो नहीं तीन-तीन फसलें लहलहाएंगी। उन्होंने कहा अगर जरूरत पड़ जाए तो जेवर बेच देना, मकान बेच देना लेकिन खेती की जमीन मत बेचना, अब बुंदेलखंड की धरती धन्यधान्य से परिपूर्ण होगी.