सैकड़ों आदिवासियों (Tribals) के पास सरकारी चूल्हे (Government Stove) और एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) तो हैं, लेकिन वे इनका इस्तेमाल नहीं करते. दरअसल चाहकर भी कर नहीं सकते. क्योंकि उनके पास इतने पैसे ही नहीं हैं. मामला छतरपुर (Chhatarpur) के राजगढ़ ग्राम (Rajgarh Village) पंचायत का है. जैसा कि आमतौर पर होता है, सरकारी वादों के साथ इन्हें आज से 20 साल पहले 2004 में यहां बसाया गया था. लेकिन जो सुविधाएं मिलनी थीं मिली नहीं. अब इनके पास काम नहीं है. काम नहीं है तो जेब में पैसे भी नहीं हैं. लिहाजा गैस का चूल्हा ठंडा पड़ा है. जीवन की गाड़ी जैसे तैसे धुएं वाले चूल्हे पर टिकी है. आज आपसे बातचीत इसी मुद्दे पर.