Gandhi Jayanti : एक दौर था जब खादी के कपड़े नेताओं और उम्रदराज लोगों की पंसद कहे जाते थे. लेकिन वक्त ने करवट ली और अब यह युवाओं को भी आकर्षिक करने लगी. खादी ग्रामोद्योग की तरफ से थोड़ा सा बदलाव किया गया और खादी का बाजार भी अब विशेष अवसरों का मोहताज नहीं रहा. नेताओं, युवाओं और महिलाओं को भी खादी के कपड़े खासा पसंद हैं. खादी के जनक कहे जाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर NDTV ने खादी दुकानदारों और उपभोक्ताओं से बातचीत की.