जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन पर्व पर पूरा देश कृष्ण की भक्ति के रंग में रंगा हुआ है. इस मौके पर ग्वालियर शहर के फूलबाग स्थित प्राचीन "गोपाल मंदिर" की अपनी खास अहमियत है क्योंकि यहां जन्माष्टमी के दिन भगवान राधा-कृष्ण की मूर्तियों का फूल-मालाओं से नहीं बल्कि बेशकीमती आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया जाता है. .इन बेशकीमती आभूषणों की कीमत वर्तमान में 100 करोड रुपए से अधिक की बताई जाती है. इसमें सिंधिया रियासत काल के हीरे जवाहरातों से जड़ित स्वर्ण मुकुट, पन्ना और सोने की सात लड़ी का हार, 249 मोतियों की माला, ,हीरे जड़े हुए कंगन, सोने की बांसुरी और चांदी का विशाल छत्र शामिल है. ऐसा अनुमान है कि जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे. क्या है ये परंपरा और कैसे इसका पालन होता है जानिए इस रिपोर्ट में ...सबसे पहले ये जान लेते हैं कि भगवान कृष्ण और राधा के श्रृंगार में किन आभूषणों का इस्तेमाल होता है.