किसी की जान की कीमत 1 हजार रुपये से भी कम लगाई जा सकती है? यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ये सिस्टम से हमारा सिर्फ एक सवाल है. क्योंकि एमपी सरकार (MP Government) का जो आदेश है, उससे तो कुछ ऐसा ही लगता है. पूरे मामले को समझने के लिए हम आपको 18 महीने पहले लेकर चलेंगे. तब जबलपुर (Jabalpur) के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल (New Life Multispeciality Hospital) में आग लगने की घटना हुई .आग की चपेट में आकर 8 लोगों की मौत हो गई ,18 अन्य घायल हो गए. जांच हुई तो पता चला कि हॉस्पिटल सरकार के किसी भी निर्धारित पैमाने को पूरा नहीं करता था. भीषण अग्निकांड के बाद आनन-फानन में सरकार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी रत्नेश क़ुरारिया के साथ चिकित्सा विभागए नगर निगमए अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग और अन्य विभागों के कुल 20 अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया और जांच शुरू हुई. विभागीय जांच के बाद डॉक्टर रत्नेश कुररिया पर महज एक वेतन वृद्धि रोकने का मामूली जुर्माना लगाया गया । अब सवाल यह आता है कि यदि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की याचिका पर गंभीरतापूर्वक विचार न किया होता तो आज एक बार 7000 रुपये का इन्क्रीमेंट रुकवा कर तत्कालीन सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कोरिया 8 मौत के दोष से बरी हो जाते . अभी भी नहीं पता कि डॉक्टर रत्नेश और उनका साथ देने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी इसी पर देखिए NDTV का ये खास शो.