छत्तीसगढ़ का बस्तर, जो कभी नक्सलवाद का गढ़ माना जाता था, अब बदलाव की ओर बढ़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रणनीतियों और सुरक्षा बलों की सघन कार्रवाई के चलते नक्सलियों का प्रभाव कमजोर पड़ रहा है। नक्सली या तो सरेंडर कर रहे हैं या मारे जा रहे हैं, जिससे बस्तर की तस्वीर बदल रही है। सरकार द्वारा विकास कार्यों और आर्थिक सुधारों के प्रयास से यहां के लोग मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। नक्सलवाद का अंत अब सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हकीकत बनता जा रहा है।