केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भीड़ के बीच से रास्ता बनाते हुए, दिग्विजय सिंह का हाथ थामकर उन्हें मंच पर ले जाते दिखाई दिए. इससे प्रदेश की सियासत में फुसफुसाहटें फिर से तेज हो गईं- क्या रिश्तों की बर्फ पिघल रही है? लेकिन इस एक पल के पीछे सदियों की तलवारबाज़ी, राजसी गर्व और राजनीतिक शतरंज की बिसात बिछी है.