Bhopal Gangrape Case : फरहान जैसे कुख्यात अपराधियों को सजा को लेकर अकसर हम धैर्य क्यों खोने लगते हैं? एक मंत्री क्यों कहते हैं कि पैर नहीं सीने में गोली मारनी थी? लोग क्यों जैसे को तैसा वाले इंसाफ की बात करने लगते हैं? क्या इसकी वजह आज भी हमारी न्याय प्रक्रिया की थकाऊ व्यवस्था है?