छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बोरी गांव में शराब दुकान के प्रस्ताव का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है. एक हफ्ते से भी अधिक समय से ग्रामीण, जिनमें स्कूली छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं, तहसील कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं. 10 से 12 गांवों के लोग इस प्रदर्शन में एकजुट होकर शराब दुकान के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि शराब दुकान खुलने से क्षेत्र में अशांति बढ़ेगी और बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते प्रदर्शनकारियों का कहना है, "हमें किताब चाहिए, शराब नहीं!" इस बड़े विरोध प्रदर्शन की एक्सक्लूसिव तस्वीरें और मौके से ग्राउंड रिपोर्ट देखिए. क्या सरकार ग्रामीणों की बात सुनेगी?