एमपी (MP )में छात्रों को हर एक प्रतियोगी एग्जाम के लिए हर बार छात्र-छात्राओं को शुल्क जमा करनी पड़ती है. इससे जहां एक ओर कैंडिडेट्स के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ता है. तो वहीं, दूसरी तरफ ESB के खजाने में बढ़ोतरी देखी जा रही है. कांग्रेस के विधायक के सावल पर सरकार ने विधानसभा में बताया कि 530 करोड़ रुपये परीक्षा शुल्क से आए हैं. वहीं, 2016 से 2024 तक ESB ने कुल 112 परीक्षाएं आयोजित की है. जिसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. लेकिन कुछ हो या न हो पर बेरोजगार उम्मीदवारों की फीस से सरकारी तिजोरी जरूर भरती जा रही है.