Bharat Rang Mahotsav: शब्द जब आत्मा से टकराते हैं, तब रंगमंच जन्म लेता है! भोपाल के भारत रंग महोत्सव 2024 में पांच नाटकों ने मंच पर क्रांति रच दी .. अग्निसुता द्रौपदी" में द्रौपदी के संघर्ष की गूंज, "पुनश्च कृष्ण" में प्रेम और भक्ति का संगम, "चरणदास चोर" में समाज पर तीखा व्यंग्य – हर प्रस्तुति ने दर्शकों को झकझोर दिया! देखिए, रंगमंच का जादू, मंच से सीधे आपकी स्क्रीन पर! संवादों की चिंगारी, अभिनय की अग्नि और कला की शक्ति – क्या रंगमंच केवल दृश्य है, या विचारों की सजीव क्रांति? देखिए और साझा कीजिए – रंगमंच की इस अनोखी यात्रा का हिस्सा बनें! .