Blacklisting of Loose FASTags: सुचारू टोल संचालन सुनिश्चित करने और 'लूज फास्टैग' की रिपोर्टिंग को मजबूत करने के लिए, एनएचएआई ने शुक्रवार को कहा कि उसने टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतकर्ताओं के लिए 'लूज फास्टैग' की तुरंत रिपोर्ट करने और ब्लैकलिस्ट करने के लिए अपनी नीति को और सुव्यवस्थित किया है. लूज फास्टैग को आमतौर पर "टैग-इन-हैंड" भी कहा जाता है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में कहा कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोलिंग जैसी आगामी पहलों को देखते हुए, फास्टैग की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे का समाधान करना आवश्यक है.
ये दिक्कतें आती हैं : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में आगे कहा गया कि कभी-कभी वाहन मालिक जानबूझकर वाहन के विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते. इससे परिचालन सम्बंधी चुनौतियां पैदा होती हैं, जिससे लेन में भीड़भाड़, झूठे चार्जबैक, बंद टोल प्रणाली में दुरुपयोग, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह व्यवस्था में बाधा आती है, जिसके परिणामस्वरूप टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है और राष्ट्रीय राजमार्ग के अन्य उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है.
मंत्रालय ने आगे कहा कि 98 प्रतिशत से अधिक की व्यापक पहुंच के साथ, फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली में क्रांति ला दी है. लूज फास्टैग या "हाथ में टैग" इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यों की दक्षता के लिए एक चुनौती है. यह पहल टोल संचालन को और अधिक कुशल बनाने में मदद करेगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए निर्बाध और सहज यात्रा सुनिश्चित होगी.
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों, जिनमें सुरंगें, पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कें शामिल हैं, पर टोल दरों में 50 प्रतिशत तक की कमी की. इस कदम का उद्देश्य यात्रा की लागत कम करना और सड़क यात्रा को आम जनता के लिए अधिक किफायती बनाना है.
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