उमरिया : डॉक्टरों के अभाव में जिला अस्पताल बना 'रेफर सेंटर', प्रसूताओं को हो रही परेशानी

सूत्रों कि माने तो एनिस्थिसिया और रेडियोलॉजिस्ट न होने से कई नवजातों और प्रसूताओं की मौत भी हो चुकी है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins

मध्यप्रदेश के उमरिया जिला चिकित्सालय में एनीस्थिसिया चिकित्सक के अभाव में चिकित्सालय बना रैफरल सेंटर, गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को हो रही असुविधा. सालभर में हजारों गर्भवती महिलाओं को किया जा चुका रेफर. राज्य सरकार ने करोड़ो रुपए ख़र्च कर आदिवासी बाहुल्य उमरिया में 200 बिस्तरों की क्षमता वाले जिला अस्पताल का निर्माण तो कराया है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से भारी भरकम अमले और आधुनिक मशीनों से सुसज्जित जिला चिकित्सालय रेफरल अस्पताल बन गया है. यहां बीते एक साल से एनिस्थिसिया और रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर नही है. जिसका खामियाजा गरीब गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं उठाना पड़ रहा है. आलम यह है कि बीते तकरीबन सालभर में यहां से हजारों गर्भवती महिलाओं को नजदीकी शहडोल,कटनी एवं जबलपुर के लिये रेफर किया जा चुका है. 

वैसे तो जिला अस्पताल में राज्य सरकार द्वारा करोड़ों के आधुनिक उपकरण सिटी स्कैन मशीन,डीआर एक्सरे, डायलिसिस मशीन उपलब्ध है. लेकिन दुर्घटना में गंभीर मामलों में एनिस्थिसिया का डॉक्टर न होने से उन्हें रेफर कर दिया जाता है. जिला अस्पताल में बीते तकरीबन एक साल से एनिस्थिसिया,रेडियोलॉजिस्ट, ई एंड टी, आई स्पेशलिस्ट चिकित्सक नहीं हैं. जिसके कारण यहां की गरीब जनता को शासन द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई जाने वाली चिकित्सा सुविधा का लाभ नही मिल रहा है.

Advertisement

सूत्रों कि माने तो एनिस्थिसिया और रेडियोलॉजिस्ट न होने से कई नवजातों और प्रसूताओं की मौत भी हो चुकी है, चिकित्सकों की नियुक्ति को लेकर क्षेत्रीय विधायक से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पहल की यहां तक की सीएम शिवराज सिंह को भी बताया गया था, जिसके बाद सीएम ने स्वास्थ्य अमले को तत्काल जिला अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति के आदेश दिए थे. सीएम के आदेश के कुछ दिनों पहले एक एनीस्थीसिया के चिकित्सक की ज्वाइनिंग हुई थी, मगर बाद में वे लौट कर अस्पताल नहीं आए. स्थिति पहले जैसी ही बनी है.

Advertisement
Topics mentioned in this article