Tulsi Vishnu Vivah Katha
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Devuthani Ekadashi: आज से मांगलिक कार्य शुरू; जानिए क्यों है तुलसी विवाह का महत्व
- Saturday November 1, 2025
Devuthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी को देवोत्थान एकदशी भी कहा जाता है और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में इस दिन तुलसी विवाह भी मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, तुलसी पूजन और विवाह कराने से कन्यादान जैसा पुण्य प्राप्त होता है और व्रत रखने से भाग्य चमकता है और सभी कार्य सफल होते हैं.
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Devuthani Ekadashi 2024: घर में नहीं है बेटी, तो देवउठनी एकादशी के दिन जरूर कराएं तुलसी-शालिग्राम विवाह
- Tuesday November 12, 2024
Dev Uthani Ekadashi 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है, इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह का भी प्रवधान है. 12 नवंबर को उदय तिथि में होने के कारण देवउठनी एकादशी का व्रत इसी दिन रखा जाएगा. वहीं इसका पारण 13 नवंबर को सुबह 6 बजे के बाद किया जाएगा.
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जानिए तुलसी विवाह क्यों मनाया जाता है? माता तुलसी ने भगवान विष्णु को क्यों दिया था ये श्राप
- Wednesday November 15, 2023
दिवाली (Diwali) के ठीक 10 दिन बाद देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस (Devuthni Gyaras) का व्रत रखा जाता है. कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योगनिद्रा से जागते हैं और इसके बाद उनका विवाह तुलसी के साथ कराया जाता है. इस साल तुलसी विवाह 24 नवंबर को है. तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) कराने से विवाह और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
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