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अधिकारियों के 'गोलमाल' से अमानक खाद लेने को मजबूर हो रहे किसान, असली-नकली की ऐसे करें पहचान
सिस्टम की लेटलतीफी से हर सीजन में किसानों की फसल दांव पर रहती है. पहले तो समय रहते अमानक खाद, बीज और कीटनाशक के पर्याप्त सैंपल नहीं लिए जाते, वहीं जो भी सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं तो उनकी रिपोर्ट लंबे समय तक अटकी रहती है, इस बीच में किसान उस अमानक खाद-बीज या कीटनाशक का उपयोग कर लेता है. इसके बाद अगर जांच रिपोर्ट में अमानक स्तर पाया भी जाता है तो किसान माथा पीटने के अलावा कुछ नहीं कर सकता. क्योंकि तब तक किसान की फसल-जमीन और मेहनत सबकुछ बर्बाद हो चुका होता है.
- Thursday November 23, 2023
- Reported by: Arvind Tiwari, Edited by: अजय कुमार पटेल |
- mpcg.ndtv.in
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MP News : खाद को लेकर प्रदेश के अन्नदाताओं में मचा है हाहाकार, यहां पत्थर की भी लगी है कतार
किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि 15 दिन से लगातार विभाग का चक्कर काट रहे हैं. जिम्मेदारों से संपर्क किया पर इस संबंध में जानकारी देने से जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए. किसानों की माने तो ग्राम सेवकों द्वारा चोरी छिपे बीज बेचने की शिकायतें भी प्राप्त होती रहती थीं, वह सीधे रसूखदारों के घर पहुंच जाता है.
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अधिकारियों के 'गोलमाल' से अमानक खाद लेने को मजबूर हो रहे किसान, असली-नकली की ऐसे करें पहचान
सिस्टम की लेटलतीफी से हर सीजन में किसानों की फसल दांव पर रहती है. पहले तो समय रहते अमानक खाद, बीज और कीटनाशक के पर्याप्त सैंपल नहीं लिए जाते, वहीं जो भी सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं तो उनकी रिपोर्ट लंबे समय तक अटकी रहती है, इस बीच में किसान उस अमानक खाद-बीज या कीटनाशक का उपयोग कर लेता है. इसके बाद अगर जांच रिपोर्ट में अमानक स्तर पाया भी जाता है तो किसान माथा पीटने के अलावा कुछ नहीं कर सकता. क्योंकि तब तक किसान की फसल-जमीन और मेहनत सबकुछ बर्बाद हो चुका होता है.
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किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि 15 दिन से लगातार विभाग का चक्कर काट रहे हैं. जिम्मेदारों से संपर्क किया पर इस संबंध में जानकारी देने से जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए. किसानों की माने तो ग्राम सेवकों द्वारा चोरी छिपे बीज बेचने की शिकायतें भी प्राप्त होती रहती थीं, वह सीधे रसूखदारों के घर पहुंच जाता है.