Devuthni Gyaras
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Devuthani Ekadashi 2023 : 23 नवंबर को मनाई जाएगी देवउठनी ग्यारस, यहां जानिए तुलसी विवाह से जुड़े रोचक तथ्य?
- Tuesday November 21, 2023
दीपावली के ग्यारस दिन बाद देव प्रबोध उत्सव और तुलसी विवाह के उत्सव को देवउठनी ग्यारस कहा जाता है. एकादशी के इस पर्व को बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. देव प्रबोधनी एकादशी का महत्व शास्त्रों में भी उल्लेखित है. इस दिन व्रत और कथा करने और सुनने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
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देवउठनी एकादशी पर क्यों करते हैं गन्ने की पूजा? गुड़ खाने का खास महत्व, जानिए क्या है मान्यता
- Friday October 31, 2025
Devuthni Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी के दिन मां तुलसी और भगवान विष्णु के विवाह का दिन होता है. इस दिन मां तुलसी और भगवान विष्णु के विवाह में गन्ने का मंडप बनाया जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. इसी दिन से किसान गन्ने की नई फसल की कटाई का काम शुरू करते हैं.
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जानिए तुलसी विवाह क्यों मनाया जाता है? माता तुलसी ने भगवान विष्णु को क्यों दिया था ये श्राप
- Wednesday November 15, 2023
दिवाली (Diwali) के ठीक 10 दिन बाद देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस (Devuthni Gyaras) का व्रत रखा जाता है. कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योगनिद्रा से जागते हैं और इसके बाद उनका विवाह तुलसी के साथ कराया जाता है. इस साल तुलसी विवाह 24 नवंबर को है. तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) कराने से विवाह और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
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