अनुष अग्रवाल, हृदय विपुल, दिव्यकृति और सुदीप्ति हजेला की भारतीय टीम ने मंगलवार को चल रहे 19वें एशियाई खेलों में टीम ड्रेसेज में 209.205 का विशाल स्कोर दर्ज कर ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. यह एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में भारत का पहला स्वर्ण पदक है और 41 वर्षों के बाद घुड़सवारी में उनका पहला पदक है.
अनुष अग्रवाल और उनके घोड़े एट्रो ने अधिकतम स्कोर 71.088 हासिल किया, जबकि हृदय छेदा-एमराल्ड ने 69.941 स्कोर किया. दिव्याकृति सिंह-एड्रेनालिन फिरदोद ने 68.176 स्कोर किया. सुसुदीप्ति हजेला-चिन्स्की ने 66.706 अंक हासिल किये.
एड्रेनेलिन फिरफोड पर सवार दिव्यकीर्ति सिंह, हृदय विपुल छेड (चेमक्सप्रो एमरेल्ड) और अनुश अग्रवाला ने कुल 209.205 प्रतिशत अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया. सुदीप्ति हजेला का स्कोर नहीं गिना गया, क्योंकि टॉप तीन के ही स्कोर गिने जाते हैं.
चीन की टीम 204.882 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही जबकि हांगकांग ने 204.852 प्रतिशत अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया.
खेल के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत ने ड्रेसेज स्पर्धा में टीम स्वर्ण पदक जीता. भारत ने कांस्य पदक के रूप में ड्रेसेज में पिछला पदक 1986 में जीता था.
भारत ने घुड़सवारी में पिछला स्वार्ण पदक नयी दिल्ली में 1982 में हुए एशियाई खेलों में जीता था.
कौन हैं सुदीप्ति
सुदीप्ति ने 20 साल की उम्न में विक्रम अवार्ड हासिल किया है. सुदीप्ति जब 10 साल की थी, तब से उन्हें घोड़े पर बैठना और उसकी सवारी करना अच्छा लगता है. उन्होंने इसे बाद में अपने शौक बनाया. इसके बाद उनके पिता ने उन्हें राइडिंग शुरु करवाई. सुदीप्ति ने फ्रांस में एशियन गेम्स के लिए अभ्यास किया था.
सुदीप्ति इंदौर में महालक्ष्मी नगर स्थित सन सिटी की रहने वाली हैं. उनके पिता मुकेश हजेला की एक आईटी कंपनी है, जबकि उनकी मां और उनकी बड़ी बहन विधि का स्कूल बुक्स के सिलेबस तैयार करने का बिजनेस है.
डेली कॉलेज से सुदीप्ति की स्कूलिंग हुई है. सुदीप्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश-विदेश की कई हस्तियों से सम्मान मिल चुका है. सुदिप्ती ने 52 नेशनल और 7 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं. सुदीप्ति साल 2013 से हम गेम में एमपी के लिए खेली हैं.
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