छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को हाईकोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

ED ने छत्तीसगढ़ में कार्रवाई कर कथित 2000 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए अनवर ढेबर और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था.

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कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत मंजूर की है

रायपुर: छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ के लिकर स्कैम के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को बिलासपुर हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. जस्टिस दीपक तिवारी की बेंच ने मेडिकल आधार पर ये जमानत दी है. कोर्ट में अनवर ढेबर के वकील फैजल रिज़वी मतीन सिद्दीक़ी, पुनीत बाली ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि अनवर ढेबर को किडनी और गाल ब्लैडर में स्टोन की समस्या है. अनवर ढेबर के वकील फैज़ल रिज़वी ने बताया कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत मंजूर की है.

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क्या है 2000 करोड़ का शराब घोटाला मामला
ED ने छत्तीसगढ़ में कार्रवाई कर कथित 2000 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए अनवर ढेबर और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था. ED ने इस मामले में कोर्ट के सामने 13 हजार पन्नों की चार्जशीट भी पेश की है, जिसमें अधिकारी कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाला कर मनी लॉन्ड्रिंग की बात कही गई है. इस मामले को कांग्रेस लगातार निराधार बता रही है.

कारोबारी अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ सरकार के करीबी लोगों में शामिल है. अनवर के भाई एजाज ढेबर रायपुर नगर निगम के महापौर है. इस मामले में आबकारी विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी अरूण पति त्रिपाठी, अरविंद सिंह, नीलेश पुरोहित समेत आधा दर्जन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.

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ED ने शराब घोटाले के आरोपियों में अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और आईएएस अनिल टुटेजा की 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच कर चुकी है. शराब घोटाला मामले में 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है. इसमें कैश, ज्वेलरी, एफडी और अचल संपत्ति शामिल है.

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