29 राज्यों में 25 हजार 500 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर भोपाल लौटी आशा मालवीय

पर्यटन स्थलों पर महिला सुरक्षा हेतु जागरूकता को लेकर राजगढ़ जिले की साइकलिस्ट एवं पर्वतारोही आशा मालवीय द्वारा मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर साइकिल यात्रा की शुरुआत की गई थी.

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पर्यटन स्थलों पर महिला सुरक्षा हेतु जागरूकता को लेकर राजगढ़ जिले की साइकलिस्ट एवं पर्वतारोही आशा मालवीय द्वारा मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर साइकिल यात्रा की शुरुआत की गई थी. बोर्ड द्वारा उन्हें बेहद आधुनिक जीपीएस युक्त हाइब्रिड साइकिल रोम-2 एवं साइकिलिंग किट सौंपी गई थी. यात्रा का समापन 10 महीने बाद 12 सितंबर को भोपाल में हुआ. अपने अनुभवों को साझा करते हुए आशा मालवीय ने साइकिल के जरिए फिट रहने का संदेश दिया. इसके साथ ही महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की अलख जगाने के साथ जागरुकता के उद्देश्य को प्राप्त कर लेने की बात कही. 

आशा मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू एवं कश्मीर राज्यों का सफर कर नई दिल्ली से भोपाल लौटी हैं. 

NDTV से बातचीत के दौरान आशा ने अपने अनुभव साझा किए. 

सवाल 1- आपकी यात्रा कितनी यादगार रही, कोई ऐसा पल जिसमें आपको सबसे ज्यादा खुशी महसूस हुई हो?

उत्तर- सबसे ज्यादा खुशी तो मुझे तब महसूस हो रही थी जब मैं अपने भारत देश में अकेले साइकिल लेकर घूम रही थी, अलग-अलग राज्यों में जा रही थी, अलग-अलग रह रही थी, बहुत अच्छा अनुभव रहा. सबसे अच्छा मूवमेंट मेरी लाइफ का वह था जब हमारे देश के आईएएस-आईपीएस या छोटे-छोटे बच्चे मुझसे मिलते थे और मुझसे मेरी यात्रा के बारे में पूछते थे. हम लाइफ में आगे क्या कर सकते हैं, किस तरह से आगे बढ़ सकते हैं, वह मेरी लाइफ का बच्चों के साथ बिताया हुआ सबसे यादगार पल रहा. 

प्रश्न 2- आपको साइकिल से भारत घूमने का आइडिया कैसे आया? 

उत्तर- साइकिल के जरिए फिट रहने का संदेश भी लोगों तक जा रहा था कि अकेली लड़की 25000 किलोमीटर से भी ज्यादा साइकिलिंग कर सकती है तो हम 5 किलोमीटर साइकिलिंग करके भी हम एनवायरमेंट को क्लीन कर सकते हैं और खुद की फिटनेस का ध्यान भी दे सकते हैं. साथ ही में सेफ्टी और एंपावरमेंट का उदाहरण भी दे रही थी. 

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प्रश्न 3- आप अपनी मां को अपना आदर्श मानती हैं. कोई ऐसी दूसरी महिला जिस के पद चिन्हों पर आप चलना चाहती हैं? 

उत्तर- मैं किसी महिला के पद चिन्हों पर तो नहीं कहूंगी... लेकिन मैं ओम प्रकाश शर्मा जिन्होंने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का उदाहरण पूरे देश को दिया है, उनको धन्यवाद करना चाहती हूं. 

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प्रश्न 4- आप मध्य प्रदेश की महिलाओं या लड़कियों ना सिर्फ मध्यप्रदेश की बल्कि पूरे देश की महिलाओं और यूथ को कोई संदेश, जो आप देना चाहती हों? 

उत्तर - आज के यूथ को हम संदेश देना चाहते हैं... जो छोटी-सी प्रॉब्लम को लेकर सोच लेते हैं कि हमारा तो लाइफ में सब कुछ खत्म हो गया. मैं सब को यह बताना चाहती हूं कि हमारी कोई भी प्रॉब्लम हमारे हौसले से बड़ी नहीं होती है. हमें हर समस्या का सामना हिम्मत से करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. 

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बता दें, आशा मालवीय ने 25,500 किलोमीटर से भी ज्यादा साइकिलिंग की है और सोलो महिला राइडर का खिताब अपने नाम किया है.

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