अनोखी अदालत, जहां देवी-देवताओं पर चलता है ट्रायल, मन्नत पूरी नहीं करने पर मिलती है सजा!

Court Trail Against Gram Devi-Devta: बस्तर जिले के केशकाल नगर में स्थित भंगाराम देवी मंदिर में हर साल के भादो महीने में लगने वाले अनोखे अदालत में ग्रामवासी अपनी मनोकामना पूरी नहीं पूरी होने पर देवी-देवताओं की शिकायत लेकर पहुंचते हैं, जहां उन्हें आरोपी बनाकर पेश किया जाता है और सज़ा भी सुनाई जाती है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Court Trail of Goddess: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में भादो महीने में एक अनोखा अदालत लगता है, जहां देवी-देवताओं के खिलाफ शिकायत सुनी जाती है और कटघरे में खड़े किए गए देवी-देवताओं के खिलाफ ट्रायल चलता है और दोषी पाए जाने पर बाकायदा सजा भी सुनाई जाती है. ग्रामवासियों की शिकायतों के निपटारे के लिए लगने वाले इस अनोखे अदालत में ग्रामवासी अपनी मन्नतें पूरी नहीं होने पर देवी-देवताओं को आरोपी बनाकर पेश करते हैं.

बस्तर जिले के केशकाल नगर में स्थित भंगाराम देवी मंदिर में हर साल के भादो महीने में लगने वाले अनोखे अदालत में ग्रामवासी अपनी मनोकामना पूरी नहीं पूरी होने पर देवी-देवताओं की शिकायत लेकर पहुंचते हैं, जहां उन्हें आरोपी बनाकर पेश किया जाता है और सज़ा भी सुनाई जाती है.

भंगाराम मंदिर से लगता है देवी-देवताओं के खिलाफ लगती है अदालत

आदिवासी बहुल बस्तर जिले में स्थित भंगाराम देवी मंदिर में प्रत्येक साल भादों के महीने में देवी-देवताओं के खिलाफ सुनवाई के लिए अदालत लगती है, जहां ग्राम वासी अपनी मनोकामना नहीं पूरी करने के लिए देवी-देवताओ को आरोपी बनाकर कटघरे में खड़ा करते हैं और मनोकामना पूरी नहीं करने के लिए आरोपी देवी-देवताओं के खिलाफ पैरवी करते हैं. 

अदालत में दोषी पाए गए देवी-देवताओं का मंदिर से होता है निष्कासन 

जिले के केशकाल नगर में स्थित भंगाराम देवी का मंदिर में देवी-देवताओं की शिकायत लेकर लगने वाले खास अदातल से पहले जात्रा आयोजित की जाती है. इलाके के कुल नौ परगना के 55 राजस्व ग्रामों में स्थापित सैकड़ों देवी-देवताओं की आराध्या देवी भंगाराम देवी अदालत की सुनवाई करती हैं और फैसले सुनाती हैं.

हर साल देवी-देवताओं के खिलाफ शिकायत लेकर यहां पहुंचते हैं ग्रामवासी

रिपोर्ट के मुताबिक बस्तर जिले के भंगाराम देवी मंदिर में लगने वाले अनोखे अदालत में हर साल  ग्रामवासी अपने अपने ग्राम के देवी-देवताओं की शिकायत लेकर यहां पहुंचते है. ग्रामवासी फरियादी बनकर पहुंचते हैं और जिस देवी-देवता के खिलाफ शिकायत होती है उसकी फ़रियाद भंगाराम देवी से की जाती है. 

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देवी-देवताओं के खिलाफ भंगाराम देवी मंदिर के दरबार में पहुंचने वालों में अधिकतर फरियादी मन्नतें पूरी नहीं करने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं. हालांकि कुछ फरियादी फसल ख़राब हो, पशुओं की बीमारी और महामारी जैसी बीमारी को लेकर अदालत में पहुंचते हैं.

सबकी शिकायतें सुनने के बाद  भंगाराम देवी अपने फैसले सुनाती है 

फरियादी ग्रामवासियों की सुनवाई करने के बाद भंगाराम देवी आरोपी देवी-देवताओं का अपराध सिद्धि होने पर  फैसला सुनाती है. यह फैसला किए गए अपराध पर निर्भर करती है, यह सजा 6 महीने के मंदिर से निष्कासन से लेकर अनिश्चितकालीन निष्कासन तक हो सकती है.

अधिकतर ग्रामवासी मन्नत नहीं पूरी होने को लेकर अदालत पहुंचते हैं 

देवी-देवताओं के खिलाफ भंगाराम देवी मंदिर के दरबार में पहुंचने वालों में अधिकतर फरियादी मन्नतें पूरी नहीं करने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं. हालांकि कुछ फरियादी फसल ख़राब हो, पशुओं की बीमारी और महामारी जैसी बीमारी के लिए ग्राम देवी-देवता की शिकायत लेकर भंगाराम देवी मंदिर की अदालत में पहुंचते हैं.

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