मोर के पंखों पर युवा कलाकार ने उकेर डाली सीएम मोहन यादव की तस्वीर, बताई ये वजह

Artist Hitendra Shakya : मोर के पंखों पर सीएम डॉ. मोहन यादव की तस्वीर बनाकर ग्वालियर के युवा चित्रकार हितेंद्र शाक्य एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं. हितेंद्र ये तस्वीर अब सीएम को भेंट करना चाहते हैं.

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MP News in Hindi : पेंटिंग करना तो आम बात है, लेकिन किसी पक्षी के छोटे से पंख पर चित्र उकेरना थोड़ा मुश्किल सा लगता है. लेकिन  ग्वालियर के एक युवा चित्रकार ने अपनी कला से ये काम भी आसान किया है. ये युवा चित्रकार मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव की शिवभक्ति से बेहद प्रभावित हैं, और यही वजह है कि उसने मोरपंख पर डॉ. यादव की बेहद आकर्षक तस्वीर उकेरी है.  यह तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई हैं. 

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जानें फैदर आर्ट पर क्या बोले कलाकार

पेशे से शिक्षक हितेंद्र शाक्य  ग्वालियर के न्यू साकेत नगर में रहते हैं.  हितेंद्र फाइन आर्ट से ग्रेजुएट हैं. 27 वर्षीय हितेंद्र वैसे तो कुशल चितेरे हैं, हितेंद्र का कहना है कि इस पेंटिंग को फैदर आर्ट कहा जाता है. यह आम पेंटिंग से थोड़ी अलग और कठिन होती हैं. क्योंकि फैदर आर्ट न सिर्फ बारीक कारीगरी है. बल्कि बहुत कठिन काम है. क्योंकि इसमें दिमाग और हाथ दोनों का संतुलन चाहिए होता है, जो कठिन अभ्यास से आता हैं. 

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कबूतर के पंखों, अनाज के दानों पर भी कर चुके कलाकारी

हितेंद्र ने बताया कि वे अब तक देश के कई दिग्गज नेताओं और महापुरुषों के चित्र कबूतर के पंखों, अनाज के दानों और बादाम जैसे ड्रायफ्रूट्स पर उकेर चुके हैं. इनमें बादाम पर राम मंदिर की तस्वीर, कबूतर के पंख पर स्वामी विवेकानंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ सहित दिग्गज नेताओं की हूबहू तस्वीरें उकेर चुके हैं. लेकिन कुछ अलग करने की चाह में उन्होंने खुद को ही चुनौती दी.  उन्होंने अब मोर पंख पर सीएम डॉ. मोहन यादव की तस्वीर उकेरी है. हितेंद्र का कहना है कि मोहन यादव महाकाल के भक्त हैं, और वे भी भोले की भक्त हैं. इसलिए उन्होंने मोरपंख पर मोहन यादव की तस्वीर उकेरी है.

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प्रयास के बाद भी नहीं हो पाई सीएम से भेंट

हितेंद्र ये तस्वीर अब सीएम को भेंट करना चाहते हैं.  हालांकि, सीएम के ग्वालियर प्रवास के दौरान वे कई बार प्रयास कर चुके हैं. लेकिन अब तक सफल नहीं हो सके हैं. सामान्य तौर पर फैदर आर्ट बेहद बारीक आर्ट है, और यही वजह है कि अन्य कलाकार इस तरह के आर्ट पर काम करने से बचते हैं. ऐसे में हितेंद्र का कहना है कि सरकार को ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहन देने की ज़रूरत है.

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