World No Tobacco Day 2025: विश्व भर में बीमारी और मृत्यु का सबसे व्यापक कारण तंबाकू है. हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस की घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राष्ट्रों द्वारा वर्ष 1987 में तंबाकू से होने वाली मृत्यु तथा बीमारियों पर वैश्विक ध्यान खींचने के उद्देश्य से की गई. इस दिवस का उद्देश्य जनता को तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में जानकारी देना है. यह विश्व भर के लोगों को स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के अपने अधिकार का दावा करने तथा भावी पीढ़ियों की सुरक्षा करने के लिये भी प्रोत्साहित करता है. मध्य प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों में तंबाकू व नशा विरोधी गतिविधियाँ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे.जिनमें छात्रों, युवाओं, स्वयंसेवी संगठनों तथा विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी रहेगी.
इस बार की थीम क्या है?
“तंबाकू एक धीमा जहर है, इससे बचाव ही समझदारी” थीम पर 31 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह में स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से कैंसर, टीबी और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव का संदेश देंगे. साथ ही, तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर आधारित वॉल पेंटिंग और पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व World No Tobacco Day Significance
तंबाकू का सेवन दुनिया भर में रोके जा सकने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है. जागरूकता बढ़ाने से व्यक्तियों को तंबाकू उत्पादों के उपयोग के परिणामों को समझने में मदद मिलती है और उन्हें सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है. यह स्वास्थ्य संगठनों और अधिवक्ताओं को मजबूत तंबाकू नियंत्रण नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस का उद्देश्य उन लोगों को संसाधन और सहायता प्रदान करना भी है जो धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं.
तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास World No Tobacco Day History
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 1987 में तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों पर लगाम लगाने के लिए इस दिन की शुरुआत की थी. इसे पहली बार 31 मई 1988 को मनाया गया. तंबाकू निषेध के लिए यह दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है. लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस दिन को मनाना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
नशा मुक्ति हेल्प लाइन 14446
शहर के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर बैनर और होर्डिंग्स के माध्यम से नशामुक्ति का संदेश, राष्ट्रीय नशामुक्ति हेल्पलाइन नंबर 14446 का भी प्रचार किया जा रहा है. इससे नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को उचित मार्गदर्शन मिल सके.
प्रमुख सचिव ने बताया कि विशेष रूप से विद्यालयों और महाविद्यालयों के 100 मीटर के दायरे में पान-गुटका की दुकानों पर विक्रय पर प्रतिबंध की कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी. साथ ही, ग्रीष्मकालीन शिविरों में आयोजित चित्रकला, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों में विषय के प्रति गहरी समझ विकसित करने के प्रयास किए जा रहे है. राज्य भर में आयोजित इन गतिविधियों की प्रविष्टियाँ भारत सरकार द्वारा विकसित NMBA मोबाइल ऐप/वेबलिंक पर अपलोड की जायेगीजिसकी जानकारी जिलों द्वारा संचालनालय को भेजी जाएगी.
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